रांची: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड में बढ़ती घुसपैठ को लेकर अपनी चिंता और सख्त रुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में घुसपैठियों की बढ़ती संख्या वाकई गंभीर चिंता का विषय है और अगर इस पर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो अगले 20 साल में हिंदू आबादी में भारी गिरावट आ सकती है। उन्होंने आशंका जताई कि यह गिरावट 50 प्रतिशत तक हो सकती है। मुख्यमंत्री सरमा ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और उसके सहयोगी दलों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ये पार्टियां राज्य में घुसपैठियों को संरक्षण देने में लगी हैं, जिससे उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। उनका कहना है कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए अब एकजुट होकर काम करने की जरूरत है ताकि राज्य में घुसपैठियों को रोका जा सके। हिमंत बिस्वा सरमा ने हिंदुओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा भारत की सुरक्षा के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने हिंदू समुदाय को संगठित होने और एकजुट होकर 'जय श्रीराम' का नारा बुलंद करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि झामुमो, कांग्रेस और राजद के गठबंधन से जुड़े लोग एक विशेष समुदाय के पक्ष में वोट डालते हैं, जिससे हिंदू मतदाता बंट जाते हैं। उन्होंने सलाह दी कि हिंदुओं को एकजुट होकर इन घुसपैठियों को बाहर निकालने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम आबादी के आंकड़ों में बदलाव का भी जिक्र किया। सरमा ने बताया कि 1951 में संथाल परगना क्षेत्र की कुल 23.22 लाख आबादी में 21 लाख लोग हिंदू और आदिवासी समुदाय के थे, जबकि मुस्लिम आबादी केवल 9 प्रतिशत थी। आज के समय में, हिंदू और आदिवासी आबादी घटकर 63 प्रतिशत रह गई है, जबकि मुस्लिम आबादी बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है। मुख्यमंत्री के इन बयानों ने झारखंड में घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को लेकर एक गंभीर चर्चा छेड़ दी है, जिसमें उन्होंने हिंदू समुदाय को सतर्क और संगठित रहने की आवश्यकता पर बल दिया। अडानी ने दिया झटका, अँधेरे में डूबा बांग्लादेश..! अगर पैसे नहीं दिए तो सप्लाई बंद 'इस्तीफा दें योगी, वरना बाबा सिद्दीकी की तरह..', यूपी के सीएम को मिली धमकी कर्नाटक की 43 ऐतिहासिक इमारतों पर वक्फ का कब्जा..! जबकि उनका असली मालिक है पुरातत्व-विभाग