अयोध्या: आज गुरुवार (9 नवंबर) को सभी की निगाहें रामनगरी अयोध्या में उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक पर हैं, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके सभी मंत्री भाग ले रहे हैं। यह बैठक स्थान और उसके समय के कारण महत्वपूर्ण है। तारीख - 9 नवंबर - महत्वपूर्ण है क्योंकि 2019 में इसी तारीख को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले में अपना फैसला सुनाया था, जिससे राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया था। 1989 में, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने 9 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के लिए 'शिलान्यास' का आयोजन किया था। अयोध्या के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया है कि, सभी कैबिनेट मंत्रियों को गुरुवार को कैबिनेट बैठक के लिए अयोध्या में रहने के लिए कहा गया है। अयोध्या के डीएम नीतीश कुमार ने कहा कि, 'सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। राज्य कैबिनेट की बैठक आयोजित करने से पहले, कैबिनेट मंत्री हनुमान गढ़ी मंदिर और राम जन्मभूमि परिसर का दौरा करेंगे।' जो मंत्री दूसरे राज्यों में चुनाव ड्यूटी पर हैं, उन्हें भी आज बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। जगह और मौके की अहमियत को देखते हुए यह भी उम्मीद है कि बैठक के दौरान कुछ बड़ी घोषणाएं की जाएंगी। बैठक के बाद सभी मंत्री रामलला के दर्शन के लिए जाएंगे और निर्माणाधीन राम मंदिर का दौरा भी करेंगे। बता दें कि, आमतौर पर राज्य कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक लखनऊ में होती है, मगर इस बार अयोध्या में बैठक का होना काफी मायने रखता है। यूपी कैबिनेट में मंदिर निर्माण कार्य की समीक्षा के अलावा अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारियों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। यह आयोजन सरयू नदी के 51 घाटों पर रिकॉर्ड संख्या में 21 लाख दीये जलाने के लक्ष्य के साथ आयोजित किया जा रहा है। तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और अभिषेक समारोह 22 जनवरी, 2024 को होने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है। पंजाब: एक ही दिन में पराली जलाने की 2000 घटनाएं, सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी भी बेअसर, क्या सख्ती दिखाएगी AAP सरकार ? सतना में PM मोदी ने ज्योति चौधरी से किया संगीत सुनने का आग्रह, गीत सुन मंत्रमुग्ध हुई जनता राजस्थान चुनाव: रद्द होगा सीएम गहलोत का नामांकन ? दो आपराधिक मामलों को लेकर निर्वाचन आयोग ने दर्ज की शिकायत