आजकल की बात नहीं बल्कि 400 साल पुराना इतिहास है 'मदर्स-डे' का!

वैसे तो अपनी माँ को याद करने के लिए सिर्फ एक दिन काफी नहीं होना चाहिए क्योकि हमारा हर दिन हमारी माँ का दिया हुआ है इसलिए अपनी माँ को हर दिन याद किया जाना चाहिए. लेकिन दुनियाभर की माँओ को सम्मान देने के लिए आज से लगभग 400 साल पहले मदर्स डे कि शुरुआत हुई थी. दनिया में लोगो ने मदर्स डे के इस खूबसूरत दिन को अपनी माँ को समर्पित कर दिया है.

वैसे मदर्स डे कि शुरुआत के प्रमाण 16 वी शताब्दी के आसपास के मिलते है. प्राचीन रोमन और ग्रीक सभ्यताओं में इस दिन को मनाने के कई प्रमाण मिलते है. उन लोगो का मदर्स डे मनाने के पीछे कई धार्मिक कारण हुआ करते थे. वहीं अगर हम आधुनिक मदर्स डे कि बात करें तो इसकी शुरुआत का श्रेय अमेरिकी महिलाएं जूलिया बार्ड होवे और एना जार्विस को जाता है जिन्होंने 1972 में अपने प्रयासों से आधुनिक मदर्स डे कि शुरुआत की.

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तारीख को मदर्स डे मनाया जाता है. लेकिन भारत में मदर्स डे मई माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है. भारत में मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में समर्पित कर दिया गया है. इस दिन माँओ के सम्मान में कई कार्यक्रम किये जाते है.

वैसे माँ का कर्ज सिर्फ एक दिन मदर्स डे मनाने से नहीं चुकता है लेकिन फिर भी जितना हो सके हमें हमारी माँ का सम्मान और उन्हें खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए. क्योकि इस दुनिया में हमारा वजूद ही हमारी माँ की वजह से है.

अंत में मैं इस दुनिया की सभी माँओ को ये लाइने समर्पित करता हूँ!

मंजिल दूर और सफर बहुत है,

इस छोटी सी ज़िंदगी की फ़िक्र बहुत है,

मार डालती ये दुनिया कबकी हमें,

लेकिन 'माँ' की दुआओ में असर बहुत है!

Video : Mothers Day को रिप्रेजेंट कर रहा है फेसबुक पर फूल वाला ऑप्शन

भारत के लोगों के लिए मदर्स डे का यह गिफ्ट सबसे भद्दा और वाहियात होगा

कपिल की माँ का खुला ख़त केजरीवाल के नाम

 

Related News