जयपुर: राजस्थान में इसी साल 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस वहां की आवाम को लुभाने के लिए वादे,दावे और तमाम चुनावी हथकंडे अपना रहे हैं. लेकिन राजस्थान की धरती की यह प्रकृति रही है कि वहां की जनता एक ही सत्ता को लगातार दोबारा तख़्त पर बैठने का मौका नहीं देती है, पिछले 5 विधान सभा चुनावों में भी ऐसा ही होता है. यहां की सत्ता भाजपा और कांग्रेस के बीच झूलती रही है. आइए एक नज़र डालते हैं राज्य के पिछले 5 मुख्यमंत्री और उनके कार्यकाल पर. वसुंधरा राजे: 13 दिसंबर 2013 को शपथ लेने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वसुंधरा राजे सिंधिया, राज्य की वर्तमान मुख्यमंत्री हैं. इससे पहले 2003 से 2008 तक भी वे मुख्यमंत्री का पदभार संभाल चुकी हैं. झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही वसुंधरा, राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद सँभालने वाली पहली महिला हैं. उनका पहला कार्यकाल 1831 दिन का था, जबकि वर्तमान में उनका कार्यकाल 1764 दिन का है. अशोक गेहलोत: राजस्थान के पिछले चार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गेहलोत और भाजपा की वसुंधरा ने बारी-बारी राजस्थान की धरती पर शासन किया है. सरदारपुरा से विधायक गेहलोत का पहला कार्यकाल 1 दिसम्बर 1998 से शुरू हुआ था जो 1834 दिन तक चलकर 8 दिसम्बर 2003 को ख़त्म हुआ. उनका दूसरा कार्यकाल 12 दिसंबर 2008 को शुरू हुआ जो 13 दिसम्बर 2013 को ख़त्म हुआ. भैरों सिंह शेखावत: भाजपा के दिग्गज नेता भैंरवसिंह शेखावत सर्वाधिक तीन बार राजस्थान के मुख्या मंत्री रहे हैं, पहली बार वे 22 जून 1977 को मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि उस समय वे कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे, तीन साल शासन करने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन शुरू हो गया था. दूसरी बार 1990 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे 1992 तक ही राज कर पाए और फिर राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. इसके बाद तीसरी बार उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र छाबरा की जगह बाली से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया और पहली बार 4 दिसंबर 1993 से 29 नवंबर 1998 तक अपना कार्यकाल पूरा किया. हरी देव जोशी: कांग्रेस पार्टी से राजस्थान के बांसवाड़ा से विधायक बने पहली बार 11 अगस्त 1973 से 29 अप्रैल 1977 तक मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वे 10 मार्च 1985 से 20 जनवरी 1988 तक मुख्यमंत्री बने थे और तीसरी बार वे 4 दिसंबर 1989 से 4 मार्च 1990 तक मुख्यमंत्री बने, लेकिन किसी भी समय वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. चुनावी अपडेट:- मध्यप्रदेश चुनाव : जानिए किन-किन नेताओं ने किया है प्रदेश की धरती पर राज छत्तीसगढ़ चुनाव : कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, भाजपा में शामिल हुए रामदयाल उईके अगर पहली बार वोट डाल रहे है तो इन बातों का रखे ख्याल