पुणे: महाराष्ट्र के पुणे की एक कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारी को एचआईवी होने के कारण से नौकरी से निकाल दिया था, लेकिन कोर्ट ने तीन साल बाद एक बार फिर से महिला कर्मचारी को बहाल करने के निर्देश दिए हैं. लेबर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है महिला कर्मचारी को नौकरी पर फिर से बहाल किया जाए और इस दौरान महिला कर्मचारी का वेतन भी दिया जाए, जब कंपनी से महिला को बर्खास्त किया गया तो उसने कोर्ट में अर्जी लगाई थी. सराफा बाजार: लंबी गिरावट के बाद आज चढ़े सोने-चांदी दाम, जानिए आज क्या है भाव महिला कर्मचारी ने बर्खास्त होने के बाद कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि एचआईवी पॉजिटिव होने की वजह से मुझे जबरदस्ती बाहर निकलने के लिए विवश किया गया और कंपनी मुझे अपने दस्तावेजों में अनुपस्थित दिखाने लगी थी. महिला ने कहा कि मुझे एचआईवी पॉजिटिव था, जिसके बाद मुझसे कहा गया कि मेडिक्लेम के लिए अपने दस्तावेज को जमा करूं, लेकिन जब मैने अपने दस्तावेज जमा किए तो कंपनी ने मुझे नौकरी से बर्खास्त कर दिया. खुशखबरी : इस बैंक के ग्राहकों को अब नहीं चुकाना होगा ATM चार्ज! मिलेगा फ्री अनलिमिटेड ट्रांजैक्‍शंस महिला कर्मचारी ने बताया कि मुझे मेरे पति ने दस्तावेज 30 मिनट के भीतर भेज दिए था, लेकिन जब मैंने इन दस्तावेजों को कंपनी को भेजा तो उन लोगों ने मुझे जबरदस्ती इस्तीफा देने के लिए विवश किया, मैं पिछले पांच साल से कंपनी में काम कर रही थी. महिला कर्मचारि की इन दलीलों को सुनते हुए अदालत ने उसे फिर से बहाल करने के आदेश दिए हैं. खबरें और भी:- हादसे के दो महीने बाद अब फिर रवाना होगा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए पहला मिशन NHM में ढेरों नौकरियां, आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक झारखंड : सरकार ने मिलाया पतंजलि से हाथ, किसानों की बढ़ेगी आय