चंडीगढ़: पिंजौर स्थित एचएमटी फैक्टरी के ट्रैक्टर यूनिट को बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. कर्मचारियों की तरफ से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस आरएन रैना ने मामले पर सात फरवरी के लिए सुनवाई तय की है. जिसमे एचएमटी की पिंजौर यूनिट के कर्मचारियों की तरफ से दाखिल याचिका में केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के 27 अक्टूबर 2016 के फैसले को खारिज करने की मांग की गई है, जिसमें ट्रैक्टर यूनिट को बंद करने का फैसला लिया गया. याचिका में चार नवंबर 2016 के फैसले को भी खारिज करने की मांग की गई जिसमें कर्मचारियों को वोलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) लेने या फिर इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के तहत छंटनी किए जाने की बात कही गई. याचिका में कहा गया कि एचएमटी के 1100 कर्मचारी ट्रैक्टर यूनिट के बहाल होने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन केंद्र सरकार ने यूनिट को बंद करने पर सहमति दे दी और कर्मचारियों को वीआरएस देने की बात कही. केंद्र ने सुझाव दिया कि ट्रैक्टर यूनिट को बंद कर मशीन टूल्स यूनिट पर फोकस किया जाए. इसका एक बड़ा कारण ट्रैक्टर यूनिट का लगातार आर्थिक नुकसान में रहना है. ऐसे में कर्मचारियों को वर्ष 2007 के नेशनल पे स्केल पर आकर्षक वीआरएस दे दिया जाए. इसके लिए 718.72 करोड़ रुपये का बजट देने की घोषणा भी की गई. इसमें कर्मचारियों का बकाया वेतन, वीआरएस व बैंक के लोन आदि क्लियर करना शामिल है. मोदी सरकार ने दी केंद्रीय कर्मचारियों को खुशी, पेंशन सीमा में बढ़ोतरी नोट बंदी के बाद अब 10-15 साल पुरानी गाड़ियों हो सकती हैं बैन चुनाव से पहले बजट मामले में 20 जनवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट