हर साल मार्च के महीने में रंगों का पर्व होली आता है जो इस साल भी 10 मार्च को है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हिन्दू मान्यता के अनुसार होलाष्टक में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जी हाँ, इनमे विवाह,गृहप्रवेश,मुंडन, नामकरण एवं विद्यारंभ आदि सभी मांगलिक कार्य या कोई नवीन कार्य प्रारम्भ करना शामिल है। आइए जानते हैं कौन से हैं वह काम। दान करना है श्रेष्ठ- जी दरअसल ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार अष्टमी से पूर्णिमा तक नवग्रह भी उग्र रूप लिए रहते है इसी वजह से इस अवधि में किए जाने वाले शुभ कार्यों में अमंगल होने की आशंका बनी रहती है। कहते हैं इन दिनों में व्यक्ति के निर्णंय लेने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है और होलाष्टकों को व्रत,पूजन और हवन की दृष्टि से अच्छा समय माना गया है। केवल इतना ही नहीं इन दिनों में किए गए दान से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिव पुराण के अनुसार- वहीं अगर शिव पुराण के बारे में बात करें तो देवताओं के अनुरोध पर कामदेव ने इस दिन अपना प्रेम बाण चलाकर शिवजी की तपस्या को भंग कर दिया। जी दरअसल इससे महादेव अत्यंत क्रोधित हो गए,उन्होंने अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से कामदेव को भस्म कर दिया। कहते हैं प्रेम के देवता कामदेव के भस्म होते ही सारी सृष्टि में शोक व्याप्त हो गया और अपने पति को पुनः जीवित करने के लिए रति ने अन्य देवी-देवताओं सहित महादेव से प्रार्थना की। उसके बाद प्रसन्न होकर भोले शंकर ने कामदेव को पुर्नजीवन का आशीर्वाद दिया और फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को कामदेव भस्म हुए और आठ दिन बाद महादेव से रति को उनके पुर्नजीवन का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। वहीं भक्त प्रह्लाद की अनन्य नारायण भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले के आठ दिनों में प्रह्लाद को अनेकों प्रकार के जघन्य कष्ट दिए थे और उसी दिन से भक्ति पर प्रहार के इन आठ दिनों को हिन्दू धर्म में अशुभ कहते हैं। होली पर राशि के अनुसार खेले रंग, बदल जाएगी किस्मत लगातार तीन दिन तक बैंक रहेंगे बंद, समय पर पूरे कर लें अपने काम जानिए साल 2020 में कब है होली और क्यों मनाया जाता है यह पर्व