खुशियों तथा मस्तीभरे पर्व होली को धार्मिक तौर पर बहुत अहम माना गया है। माना जाता है कि इस दिन की गई साधना अथवा उपाय बहुत फलदायक साबित होते हैं। इस बार होली का त्यौहार 28 एवं 29 मार्च 2021 को मनाया जाएगा। यदि आपकी जिंदगी में भी कोई खतरा चल रहा है तो होली वाले दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय आजमाकर आप इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं। यहां जानिए ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में। 1. आर्थिक, मानसिक, शारीरिक अथवा किसी भी अन्य तरह की दिक्कतों से ग्रसित हैं तो एक उपाय ऐसा है जो किसी भी प्रकार की परेशानी को दूर करने में सहायक हो सकता है। इसके लिए आपको एक नारियल खरीदकर लाना होगा। होलिका दहन से पूर्व आप स्नानादि करके स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके पश्चात् नारियल को सात बार अपने ऊपर से उतारें। तत्पश्चात मन में ही अपने इष्ट देव का ध्यान करके उनसे अपनी समस्यां को दूर करने की प्रार्थना करें तथा होलिका दहन के वक़्त ये नारियल उस अग्नि में डाल दें। इसके पश्चात् अग्नि की सात बार परिक्रमा करें तथा ईश्वर से पुनः परेशानी को दूर करने का निवेदन करें। इस उपाय को करते वक़्त आप किसी भी परेशानी को दूर करने की कामना कर सकते हैं। 2. यदि आपके घर में पैसों की तंगी बहुत अधिक है तो होली वाले दिन घर में या मंदिर में मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। उनके सामने विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें तथा उनसे अपनी दिक्कत दूर करने की विनती करें। इसके पश्चात् जरूरतमंद को सामर्थ्य के मुताबिक कुछ दान करें। 3. यदि आपको अपने घर या घर के आसपास नेगेटिविटी महसूस होती है तो होलिका दहन के पश्चात् वहां की राख घर लेकर आएं तथा उसे दरवाजे पर और घर के हर कोने पर छिड़क दें। 4. घर में यदि किसी व्यक्ति को बहुत अधिक क्रोध आता है तो होली वाले दिन से लेकर निरंतर तीन दिनों तक एक मुट्ठी पिसा नमक उसके सिर से सात बार वारकर घर के बाहर फेंक दें। इससे बहुत फर्क पड़ेगा। 5. अगर शादी के योग नहीं बन पा रहे हैं तो होली वाले दिन एक साबुत पान का पत्ता लेकर उस पर हल्दी की गांठ और एक साबुत सुपारी रखें। इसके पश्चात् इसे मंदिर में जाकर शिवलिंग को समर्पित करें तथा ईश्वर से पूजा करें। ध्यान रहे कि ये उपाय एकदम गुप्त ढंग से करें। मंदिर से लौटते वक़्त पीछे मुड़कर न देखें। पारस पीपल का वृक्ष खत्म कर सकता है आपकी सारी समस्यां, जानिए किस तरह मिलेगा फायदा भारत के इन मंदिरों में पुरुषों का प्रवेश है वर्जित, महिलाओं के लिए रखा जाता है व्रत कहीं 'मुक्ति की कामना' तो कहीं 'क़यामत' का इंतज़ार, कुछ यूँ होता है हर धर्म में 'अंतिम संस्कार'