होली का त्यौहार मनाये इन रंग-बिरंगी कविताओं के साथ

1. तू अपने रंग में रंग दे श्यामा संसार के रंग फीके दिखे, जो तेरा प्रेम मिल जाये श्यामा जीवन रस रंग भर भर दिखे.

संसार के रंग बहुत देखे तारों से सजा अम्बर देखा, जो तेरे रंग का हुआ अहसास सारे रंग मोहे फीके दिखे, तू अपने रंग में रंग दे श्यामा संसार के रंग फीके दिखे.

राधा ने रंग दी प्रेम रास रंग में मीरा ने रंग दी भक्ति में, द्रौपदी की मित्रता के रंग भी देखे पर अपनी चुनरिया फीकी दिखे, तू अपने रंग में रंग दे श्यामा संसार के रंग फीके दिखे.

 

2. रंग रंगीली आई होली, खुशियों को संग लायी होली, अपने रंग में रंगने को, अपनों को संग लायी होली.

बुराईयों को मिटाने को, अच्छाई का दीप जलाये होली, रूठे हुए को मनाने को, प्यार की भाषा सिखाये होली.

भूखे हुए को खिलाने को, पकवानों की थैली लायी होली, बिछड़े हुए को मिलाने को, रंगों की शाम लायी होली, सभी के जीवन को खुशहाल करने को, यादों की पोटरी लायी होली.

 

3. रंग -रंगीली मस्ती वाला, आया है होली का त्यौहार, प्रेम भाव से इसे मनायें, न हो कोई भी तकरार.

रंग -बिरंगे इस पर्व पर, होता बिना किये श्रृंगार, नाचे गायेंग ढोल बजायें, हम बच्चों की टोली भरमार.

रंग लगायें एक दूजे को, करे प्रेम रस की बौछार, जाती -मजहब सब भूले आज, बड़ों को आदर, छोटो को दें प्यार.

रीत -प्रीत , गीत -मीत और, रंग उमंग तरंग उपहार, भेद भाव मिटाने दिल का, आता है होली का त्यौहार.

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