होली का पर्व रंगों से भरा होता है और इस पर्व को कलरफुल कहा जाता है। होली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं और आप जानते ही होंगे इस बार होली दस मार्च को है। इसी के साथ अगर आप फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले इस पर्व के दौरान कुछ वास्तु की बातों का ध्यान रखेंगे तो आप नकारात्मक शक्तियों से बच सकते हैं। इसी के साथ आपको आपके मन के मुताबिक़ फल भी मिल सकता है। तो आज हम आपको कुछ वास्तु टिप्स देने जा रहे हैं, जो आपको होली में काम देंगे। कहते हैं वास्तुशास्त्र की माने तो होलिका दहन, आग तत्व की दिशा यानी की दक्षिण पूर्व में करना शुभ होता है इसी के साथ अगर आप होलिका पूजन अपने घर में कर रहे हैं तो उसे अपने पूजा स्थल में करने के बजाय किसी खुले आंगन या खुली जगह पर करें। वहीं अगर आपके घर के ब्रह्मस्थान में चौक बना हुआ हैं तो आप ठीक बीच में पूजा न करके चौक के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में करें। इससे आपको लाभ होगा। जी दरअसल पंच तत्वों के संतुलन को बनाए रखने के लिए, घर के उत्तर और उत्तर पूर्व में होलिका दहन करना शुभ नहीं मानते हैं। कहते हैं ये जल की दिशाएं होती हैं और होलिका दहन के बाद प्रज्वलित आग की परिक्रमा करना लाभकारी होता है क्योंकि इससे रोग और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता हैं। वास्तु के मुताबिक़ अगर आपका घर पूर्व मुखी हैं और आप इस दिशा में होली खेल रहे हैं तो घर में मान सम्मान की वृद्धि के लिए सात्विक और शक्ति प्रदान करने वाले रंग जैसे लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी आदि का प्रयोग कर सकते हैं। होली पर स्टेशन में बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, आरपीएफ जवानों की छुट्टियां हुई रद्द जूता-मार होली: यहाँ अंग्रेजों पर गुस्सा निकालने के लिए 'लाट साहब' को जूता मारते हैं लोग होली पर चालू रहेगा सुप्रीम कोर्ट, कानून कार्यवाही में नहीं लगेगा कोई ब्रेक