वास्तु की माने तो पूरे घर में वास्तु का उपयोग होना चाहिए क्योंकि वास्तु के उपयोग से घर में सकारत्मकता आती है. ऐसे में वास्तुशास्त्र हर व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और यह व्यक्ति के जीवन में सुख शांति और समृद्धि का कारण भी बन जाता हैं. इसी के साथ अगर घर मे कोई वास्तुदोष होता हैं तो वहां पर रहने वाले लोगो के जीवन में हमेशा ही कोई न कोई परेशानी लगी ही रहती हैं. जी हाँ, कहते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की डोर बेल का भी सही दिशा में लगा होना जरूरी होता है. जी हाँ, क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो घर में बेल बजाकर प्रवेश करने वाले व्यक्तियों का नेगेटिव असर आपके जीवन पर भी पड़ता हैं और आपके जीवन में सब कुछ गड़बड़ होना शुरू हो जाता है. कहते हैं घर के दरवाजे की कुंड खटखटाकर या फिर आवाज देकर किसी के घर में आने से व्यक्ति के मान सम्मान की हानि होती है और ऐसा भी माना जाता हैं कि बेल की जगह आवाज लगाकर किसी के घर जाने से बात बात पर विवाद होने की आशंका भी बढ़ जाती हैं. जी हाँ, अब बात करें हिंदू धर्म शास्त्रों की तो इनके अनुसार घर की डोर बेल जमीन से कम से कम पांच फीट की ऊंचाई पर होनी चाहिए इसी के साथ काला रंग छोड़ आप किसी भी अन्य रंग की डोर बेल अपने घर में लगवा सकते हैं. कहा जाता है काले रंग की डोर बेल आपके मान सम्मान की हानि का एक कारण बन सकती हैं और वास्तुशास्त्र के अनुसार डोर बेल हमेशा घर में लगी नेम प्लेट के नीचे ही होनी चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से परिवार के मुखिया का यश और कीर्ति बढ़ती हैं और घर में खुशियों का आगमन होना शुरू हो जाता है. बलराम जयंती पर इस तरह करें पूजन, मिलेगा संतान प्राप्ति का वरदान आज इस राशि के सामने आएगी बड़ी चुनौती, इन्हे होगा भारी नुकसान इस तरह करें बहुला गणेश चतुर्थी पर पूजन