नई दिल्ली: किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग पर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्त्यार किया है. सरकार ने इस मुद्दे पर ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी करते हुए कहा है कि यदि ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी तो कार्रवाई की जाएगी. ये नोटिस सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की ओर से तब जारी किया गया है, जब सोमवार को ऐसे 250 ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिए गए, जिन्हें मंत्रालय की शिकायत पर ब्लॉक किया गया था. पांच पन्नों के इस नोटिस में सरकार द्वारा काफी सख्ती दिखाई गई है. नोटिस में लिखा गया है कि #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया जो तथ्यात्मक रूप से गलत था और उसका उद्देश्य नफरत पैदा करना था. नोटिस में सरकार ने कहा कि, ''ये एक मोटिवेटेड कैंपेन है जो समाज में तनाव उत्पन्न करने के लिए बगैर किसी आधार के चलाया गया.'' नोटिस में ये भी कहा गया है कि नरसंहार को बढ़ावा देना अभिव्यक्ति की आज़ादी नहीं है, ये कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, दिल्ली गणतंत्र दिवस पर हिंसा देख चुकी है. बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते 2 महीनों से आंदोलन कर रहे हैं. खासकर, देश की राजधानी दिल्ली की सरहदों पर भारी तादाद में किसान डटे हुए हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भी हुई. दूसरी तरफ सीमाओं पर सुरक्षा भी सख्त की जा रही है. ऐसे में ट्विटर पर भी किसान आंदोलन को लेकर लोग अपनी बात रखते रहते हैं. जींद महापंचायत में गरजे टिकैत- किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस हों, तभी आगे की बात होगी 'क्या किसानों से डरती है सरकार ? ' दिल्ली में किलेबंदी को लेकर सरकार पर राहुल का वार किसान आंदोलन में विदेशी हस्तियों के विरोध को समर्थन देने पर सरकार ने दी ये प्रतिक्रिया