बच्चो को हो गई है सर्दी-खांसी तो अपनाए ये सबसे असरदार घरेलू नुस्खे

नवजात शिशु की इम्‍यूनिटी बहुत कमजोर होती है, इस बात से तो आप सभी वाकिफ होंगे। इस समय ठंड है ऐसे में बच्चों को आसानी से खांसी-जुकाम पकड़ लेता है। अभी जो मौसम है इस मौसम में बच्‍चों को जल्‍दी-जल्‍दी जुकाम पकड़ लेता है लेकिन ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। आप कुछ आसान घरेलू नुस्‍खों की मदद से इससे राहत पा सकते हैं। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार बच्‍चों को साल में 6 से 10 बार जुकाम पकड़ता है। कई बच्‍चों को वायरस की वजह से जुकाम होता है इसलिए एंटीबायोटिक से इसका इलाज किया जा सकता है। ऐसे में दवाएं लेने से बेहतर है आप घरेलू नुस्‍खों से ही बच्‍चों में जुकाम का इलाज करें।

​बच्‍चों के लिए भाप लेने के फायदे- नासिक मार्ग में म्‍यूकस को ढीला करने के लिए भाप लेना सबसे असरकारी तरीका है। जी हाँ और शिशु के कमरे में फेशियल स्‍टीमर या वेपोराइजर की मदद से भाप फैला दें। 6 महीने से कम उम्र के शिशु के लिए बाथरूम में गर्म पानी को नल से बहने दें और शिशु को बाथरूम में 10 से 15 मिनट तक लेकर बैठ जाएं। अगर एक साल से अधिक उम्र का बच्चा है तो गर्म पानी में यूकेलिप्‍टस ऑयल की कुछ बूंदें भी डाल सकते हैं।

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नमक के पानी के गरारे- दो साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को नमक के पानी से गरारे करवाएं। जी हाँ और इसके लिए एक कप गुनगुने पानी में आधा चम्‍मच नमक डालें और बच्‍चे को गरारे करने के लिए कहें। बच्‍चे को पहले सादे पानी से गरारे करना सिखाएं।

गुनगुना पानी- 6 महीने के शिशु को उबला हुआ पानी पिलाएं। पानी बच्‍चे के हिसाब से हल्‍का गुनगुना होना चाहिए। जी हाँ और इससे शिशु का शरीर हाइड्रेट रहता है और शरीर से विषाक्‍त पदार्थ निकल जाते हैं। यह जुकाम से जल्‍दी राहत दिलाने का असरदार तरीका है।

​सरसों का तेल- एक साल के बच्‍चे के लिए जुकाम के इलाज के लिए सरसों का तेल भी बहुत असरकारी नुस्‍खा है। जी हाँ और इसके लिए एक चम्‍मच सरसों का तेल लें और उसमें 1 लहसुन की कली और लौंग डालकर एक चुटकी अजवाइन का पाउडर मिलाएं। इन सब चीजों को एक मिनट तक गर्म करें। ध्यान रहे लहसुन जलना नहीं चाहिए। अब इसे छन्‍नी से छान लें। इस मिश्रण के गुनगुना होने पर बच्‍चे की छाती और पीठ की मालिश करें।

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शहद- शहद में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट रात में होने वाली खांसी, गले में इंफेक्‍शन और खांसी या जुकाम की वजह से बार-बार नींद टूटने का इलाज करने में मददगार होते हैं। एक साल से कम उम्र के बच्‍चे को शहद न दें। आप एक साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को रात को सोने से पहले आधा चम्‍मच शहद दें।

अदरक- बच्‍चों में खांसी, जुकाम और कफ जमने के इलाज में अदरक बहुत असरकारी है। ये शरीर को गर्म कर के बलगम को पिघला देती है। दो साल से अधिक उम्र के बच्‍चे को अदरक की चाय पिलाएं।

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