नवजात बच्चे की त्वचा शुरुआत में सबसे अधिक संवेदनशील होती है। इस वजह से चाहे आप कितने भी सजग क्यों ना हों, संक्रमण होने का खतरा रह ही जाता है। यह 4 से 15 महीने के बच्चों में बहुत आम बात होती है। इसी के साथ 4 महीने से कम उम्र में ही रैशेज होने की संभावना सबसे अधिक रहती है। आजकल महिलाएं अपने बच्चों के लिए डायपर का इस्तेमाल करती हैं लेकिन डायपर रैश बहुत खतरनाक होती है और यह एक तरह की त्वचा की जलन होती है जो बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन की वजह से होते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं डायपर रैश का घरेलू इलाज। नारियल तेल के फायदे - नारियल तेल के अनगिनत लाभ हैं। बच्चों को भी यह नारियल तेल बहुत फायदा करता है। जी दरअसल अगर आपके बच्चे को डायपर से रैशेज हो जाएं तो उस जगह पर नारियल का तेल लगाने से बहुत आराम मिलता है। इसी के साथ ही लालीपन और जलन भी दूर होती है। टी ट्री ऑयल के फायदे- टी ट्री ऑयल बहुत प्रभावशाली माना जाता है। यह तेल न सिर्फ बड़ों की बल्कि बच्चों की भी स्किन से जुड़ी हर समस्या को दूर करता है। कहा जाता है टी ट्री ऑयल में थोड़ा-सा पानी मिलाकर बच्चे की रैशेज वाली स्किन पर लगाने से बच्चे को काफी आराम मिलता है। पेट्रोलियम जेली के फायदे - आप डायपर के रैशेज को खत्म करने के लिए पैट्रोलियम जैली का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप इसे हल्के हाथों से बच्चे के रैशेज पर लगाएं। इससे दर्द और रैशेज की समस्या दूर हो जाएगी। मुंह के छालों को चुटकियों में गायब कर देंगे घी, हल्दी और ये घरेलू नुस्खे एड़ियां हैं फ़टी-फ़टी तो Homemade क्रीम लगाया करो बेटी स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा उपाय बनाए रखने का निर्देश दिया