इस रोग में रोगी के अण्डकोषों में पानी भर जाता है जिसके कारण उसके अण्डकोष में सूजन आ जाती हैं। जब यह रोग किसी व्यक्ति को होता है तो उसके केवल एक ही तरफ के अण्डकोष में पानी भरता है। इस रोग का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति को अंडकोष के पानी भर जाता है तो उस स्थान पर सुजन हो जाती है| हाइड्रोसिल नामक रोग किसी को भी हो सकता है. लेकिन यह बीमारी अक्सर 40 से अधिक उम्र के व्यक्तियों में अधिकतर देखा गया है. इस बीमारी को ठीक करने के लिए अंडकोष में भरे हुए पानी को बाहर निकालना बहुत जरूरी है.अंडकोष पर किसी प्रकार की चोट लगना, नसों का सूज जाना, स्वास्थ्य की समस्याएं, अधिक शारीरिक सम्बन्ध बनाना, भारी वजन उठाना जैसे कई कारणों से यह बिमारी हो जाती है. काटेरी की जड़ को सुखाकर उसे बारीक़ करके पीस लें | इस बारीक़ मिश्रण की 10 ग्राम की मात्रा में लगभग 7 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण भी मिला दें | अब इन दोनों के मिश्रण को हल्के गर्म पानी के साथ खाएं | इस तरह के उपचार को नियमित रूप से कम से कम 6 से 7 दिनों तक करें. काली मिर्च और लगभग उससे दुगनी मात्रा में जीरा लें. अब इन दोनों को आपस में मिलाकर अच्छी तरह से पीस लें. अब इन दोनों के मिश्रण में थोड़ा सा सरसों का तेल या फिर जैतून का तेल मिला दें. अब इन तीनी के मिश्रण को हल्का गर्म कर लें. जब यह गर्म हो जाये तो इसमें थोडा सा गर्म पानी भी मिला दें. अब यह एक पतला घोल बन जायेगा | इस लेप को बढे हुए अंडकोष पर लगायें. जिस रोगी को हाड्रोसिल का रोग है, उसे दिन मे दो बार संतरे का रस या अनार के रस का सेवन करना चाहिए | इसके साथ सलाद में निम्बू का रस मिलाकर खाना चाहिए। इन घरेलु नुस्खों से एसिडिटी को करें गुड बाय इस नुस्खे से भर लीजिये ज़िन्दगी में फिर से जोश नकसीर आने पर अपनाये ये घरेलु उपाय