हिचकी जिसे विज्ञान की भाषा में सिंक्रोनस डायफ्राग्मेटिक फ्लटर(एसडीएफ) या सिंगुल्टस के नाम में भी जाना जाता है. हिचकी डायफ्राम का एक अनियंत्रित संकुचन है(मांसपेशियों जो पेट से छाती को अलग करती है) जो कि एक मिनट कई बार आ सकता है. ये एक बार शुरू होती है तो बंद होने का नाम ही नहीं लेती. आपको बता दें, डायफ्राम में संकुचन होते ही हम सांस लेते हैं जिसके बाद वोकल कॉर्ड अचानक बंद होते है जिसके कारण एक विशेष आवाज निकलती है. इसे ही हिचकी कहते हैं. लेकिन इसी रोकने के लिए आप कई तरह के उपाय अपना सकते हैं जिनमे से कुछ हम आपको बताने जा रहे हैं. * सांस को रोके: हिचकी कम करने के लिए सांसों को रोक कर रखना सबसे आसान उपाय होता है. यह खून में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ाता है, जो मन को विचलित करता है और हिचकी को रोक देता है. सबसे पहले गहरी सांस लें और जितनी देर हो सके सांसों को रोक कर रखें. फिर धीरे से सांस छोड़ें. * चीनी: चीनी खाने से वेगस नर्व उत्तेजित होते हैं जिससे हिचकी रोकने में मदद मिलती है. चीनी को 5 मिनट तक मुंह में रखें जब तक वह पूरी तरह ना घुल जाए. फिर उस पानी को निगल जाएं. ऐसा करने से थोड़ी देर में हिचकी रूक जाएगी. लेकिन ध्यान रहे जो लोग डायबीटिज से ग्रसित हैं वह इस उपाय को ना अपनाएं. * नींबू: नींबू हिचकी को रोकने का एक निश्चित तरीका होता है. नींबू का खट्टा स्वाद नसों को शांत करता है जिससे हिचकी आना बंद हो जाता है. नींबू की कुछ बूंद अपने मुंह में डालें. इसका स्वाद हिचकी को रोकने में मदद करता है. पुरूषों की यौन समस्याओं में फायदेमंद है हींग पैरों की बदबू से ऐसे पाएं निजात