डेंगू और चिकेनगुनिया के लिए रामबाण है ये तरीका

डेंगू और चिकनगुनिया एक जानलेवा बीमारी है जो इंसान की जान भी ले सकते हैं. अगर ये बीमारी हो जाये तो इसका भी एक रामबाण है. जो दवाइयों से ज्यादा असरदार है और चुटकियों में आराम देगी. आप नहीं जानते होंगे इस इलाज के बारे में . ये है कालमेघ के पौधे, जिससे डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज संभव है. कालमेघ का नाम एंड्रोग्राफिस पेनिकुलाटा है. पचक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल सदियों से भारत में हो रहा है.

डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों के लिए

* कालमेघ के पौधे की पत्तियों और तने के मैंथोलिक एक्सट्रेक्ट (रस) में तीव्र एंटीवायरल गुण पाये गये हैं, जो डेंगू और चिकुनगुनिया के वायरस को खत्म करने में सक्षम है. 

* भारत में इसे पेट संबंधी विकारों में इस्तेमाल किया जाता था तो मलेशिया में बुखार में इसके रस को पपीते के रस के साथ इस्तेमाल किया जाता रहा है.

* गिलोय से डेंगू व चिकनगुनिया का इलाज नहीं होता, बल्कि इससे सिर्फ प्लेटलेट्स बढ़ती हैं. प्लेटलेट्स कम होने के कारण प्लाजमा लीक हो जाता है. इससे ब्लीडिंग हो जाती है. यह मरीज के लिए घातक स्थिति होती है.

* औषधीय पौधों का इन रोगों के वायरस पर सकारात्मक असर देखने को मिला है. इसमें तुलसी, गिलोय, कालमेघ मुख्य हैं. इन औषधीय पौधों से दवा बनाने पर शोध किया जारी है.

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