केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार(10 मई) को विशाखापत्तनम गैस लीक घटना के कुछ दिनों बाद मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों में उत्पादन फिर से शुरू करने के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं.गृह मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश(गाइडलाइन) यह ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं कि यांत्रिक, विद्युत और रासायनिक उपकरण, जो लॉकडाउन के दौरान बंद पड़े थे वह मजदूरों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. क्वारंटाइन सेंटर से छोड़े जाएं कोरोना नेगेटिव पाए गए जमाती, दिल्ली सरकार का आदेश जारी आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव जीवीवी सरमा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को दिशा-निर्देशों का विवरण देते हुए एक पत्र लिखा है. सरमा ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान कई हफ्तों के लॉकडाउन और औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के कारण, यह संभव है कि कुछ ऑपरेटरों ने स्थापित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया होगा.परिणामस्वरूप, कुछ विनिर्माण सुविधाएं, पाइपलाइनें, वाल्व, आदि में अवशिष्ट रसायन हो सकते हैं, जो जोखिम पैदा कर सकते हैं. खतरनाक रसायनों और ज्वलनशील पदार्थों के साथ भंडारण सुविधाओं के साथ भी यही समस्याएं हैं. मौत की अफवाहों पर भड़के अमित शाह, कहा-मुझे कोई बीमारी नहीं... अपने बयान में उन्होंने कहा कि जब लॉकआउट/टैगआउट प्रक्रियाएं लागू नहीं होती हैं, तो कई ऊर्जा स्रोत उन ऑपरेटरों/पर्यवेक्षकों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं जो विद्युत, यांत्रिक या रासायनिक उपकरणों की सर्विसिंग या रखरखाव कर रहे हैं.जब भारी मशीनरी और उपकरण समय-समय पर मेंटेन नही रखे जाते हैं, तो वे खतरनाक साबित हो सकते हैं. इस शहर में तबाही मचा रहा कोरोना, सबसे पहले लग सकता है लॉकडाउन 4 सिक्किम बॉर्डर पर बढ़ा तनाव, भारतीय और चीनी सैनिकों में भिड़ंत की खबर मुंबई में ईमारत का एक हिस्सा ढहा, NDRF ने 14 लोगों को किया रेस्क्यू