हांगकांग: कुछ समय पहले ही हांगकांग पुलिस ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय की घेराबंदी खत्म कर दी. विवि के भीतर मौजूद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए बीते 12 दिन से पुलिस ने परिसर को घेर रखा था. लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि आने वाले दिनों में वे नए सिरे से रैलियां निकालेंगे और हड़ताल करेंगे. पिछले हफ्ते स्थानीय चुनाव में लोकतंत्र समर्थक दलों को मिली भारी जीत के बावजूद हांगकांग की नेता कैरी लैम और बीजिंग ने और अधिक राजनीतिक रियायत देने से इन्कार कर दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरने का नए सिरे से एलान किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने परिसर में छिपाकर रखे गए गैसोलिन के करीब 4,000 बम वहां से हटाए. प्रदर्शनकारी ये बम छोड़ गए थे. प्रदर्शनकारियों की परिसर और नजदीक की सड़कों पर लगभग दो हफ्ते पहले दंगा अधिकारियों के साथ झड़प हुई थी. विवादास्पद विधेयक के विरोध में बीते छह महीने में हांगकांग पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी में गतिरोध सबसे अधिक नाटकीय घटनाक्रम था. गुरुवार को करीब 100 अधिकारी पॉलीटेक्निक परिसर में सुबूतों को एकत्र करने और खतरनाक चीजों को हटाने के लिए दाखिल हुए थे. पुलिस ने दो दिन में 3,989 गैसोलिन बम, 1,339 विस्फोटक वस्तुएं, 601 बोतल हानिकारक तरल पदार्थ और 573 हथियार बरामद किए. कोई प्रदर्शनकारी नहीं मिला. पुलिस के आने से पहले तक गिरफ्तारी से बचने के लिए लगभग 20 लोग वहां छिपे हुए थे. ब्रिटिश वाणिज्यिक दूतावास के बाहर किया प्रदर्शन, मांगा समर्थन: यदि हम बात करें सूत्रों कि तो सैकड़ों लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को ब्रिटिश झंडे के साथ ब्रिटिश वाणिज्यिक दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने ब्रिटेन से अमेरिकी राष्ट्रपति की तरह खुलकर समर्थन करने की मांग की. जंहा लोकतंत्र समर्थकों ने नारे लगाते हुए पूरे हांगकांग में रैलियां भी निकालीं. हालांकि, पुलिस की चेतावनी के बाद प्रदर्शनकारी तितर-बितर हो गए. कुछ रैलियों में लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टर लिए थे. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा हांगकांग बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद गुरुवार रात को रैली का आयोजन किया गया था. इसमें प्रदर्शनकारियों ने अन्य देशों से भी अमेरिका की तरह समर्थन में आने को कहा था. पुलिस ने हाईस्कूल के दो छात्रों को टीएटीपी के साथ पकड़ा है. यह एक शक्तिशाली विस्फोटक है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में बम हमलों में किया जाता है. हिंद महासागर में तीन शक्तिशाली देश हुए एकजुट, अमेरिका के लिए बड़ी मुश्किल आतंकियों के मिसाइल हमले पर इजरायली सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब, इन ठिकानों को बनाया निशाना 70 साल पहले इस भारतीय वीर ने दिया था शौर्य का परिचय, अब मिलेगा दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा सम्मान