हांगकांग: कुछ समय पहले ही हांगकांग के न्यायलय ने लोकतंत्र की मांग वाले हिंसक को आंदोलन में शामिल होने के इलज़ाम में गिरफ्तार किए गए 12 साल के बालक को दोषी ठहरा दिया है. इस बालक को तीन साल हिरासत में रखकर काउंसलिंग देने की सजा सुनाई जा सकती है. यह बालक पुलिस द्वारा छह महीने के आंदोलन में गिरफ्तार होने वाला और दंडित किया जाने वाला सबसे कम उम्र वाला आंदोलनकारी माना गया है. वही इस बात पर पुलिस के सख्त रुख के चलते गुरुवार को भी हांगकांग में शांति बनी थी. जंहा आंदोलनकारियों के गढ़ रहे हांगकांग पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय में सन्नाटा छाया रहा. 30 हजार छात्रों वाले इस विश्वविद्यालय में बमुश्किल 100 छात्र बचे हैं. एक हजार से ज्यादा छात्र पुलिस ने रविवार रात से यहां जारी कार्रवाई में गिरफ्तार किए जा चुके है. वही ज्यादातर आंदोलनकारी छात्र यहां से विभिन्न रास्तों से निकल भागे. भागने का एक जरिया सीवर पाइपलाइन भी था. सूत्रों से मिली जानकारी एक मुताबिक पॉलीटेक्निक विश्वविद्यालय में पुलिस को बड़ी संख्या में पेट्रोल बम मिले हैं, जो छात्रों ने पुलिस से मुकाबले के लिए बनाए थे. इसके अतिरिक्त ज्यादातर क्लास रूम बर्बाद कर दिए गए हैं, लेकिन पुस्तकालय की सभी पुस्तकें सुरक्षित हैं. बिजली और पानी की पाइपलाइनों को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है. पुलिस को तलाशी में वो फेस मास्क और काले छाते नहीं मिले हैं, जिन्हें लेकर छात्र आंदोलन किया करते थे. माना जा रहा है कि छात्रों ने इन्हें कहीं छिपा दिया गया है. हाल ही में मीडिया से बातचीत में आंदोलनकारियों ने पुलिस के आगे समर्पण की संभावना को नकार दिया है. उन्होंने संकेत दिया है कि वे फिर एकजुट होंगे और लोकतंत्र के लिए फिर से आंदोलन को आगे बढ़ सकता है. विश्वविद्यालय की दीवारों पर लिखा हुआ है- हमारे पास खोने को कुछ भी नहीं है..हमारी व्यवस्था (सिस्टम) में कोई हिस्सेदारी नहीं है... जाहिर है छात्र सब कुछ गंवाकर भी कुछ पाना चाहते हैं. चीन ने नए कानून पर अमेरिका को चेताया: यदि हम बात करें सूत्रों कि तो चीन ने हांगकांग पर अमेरिकी संसद में पारित प्रस्ताव को कानून बनने से रोकने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वीटो लगाने की मांग जा रही है. वही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा कि हांगकांग की स्थिति की वार्षिक समीक्षा का कानून बनने का दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर गंभीर असर हो सकता है. वही पारित प्रस्ताव के अनुसार हांगकांग को विशेष कारोबारी क्षेत्र के दर्जे की मान्यता को जारी रखने के लिए अमेरिका प्रति वर्ष वहां पर मानवाधिकारों की स्थिति की समीक्षा कर सकते है. वहां पर मानवाधिकार उल्लंघन के दोषी पाए जाने वाले हांगकांग और चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. नेपाल के प्रधानमंत्री का बड़ा फेरबदल, 9 मंत्रियों ने गवाया अपना पद जलियांवाला बाग में लेबरों ने लगाई माफ़ी की गुहार, घोषणा पत्र हुआ जारी अमेरिकी सरकार ने किया भारत का समर्थन, कहा- आतंकी फैला रहे दहशत...