हर साल 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक भारत के नागालैंड राज्य में एक पक्षी जिसका नाम हार्नबिल है, उसे 10 दनों तक काफी तवज्जो दी जाती है. बता दें कि हार्नबिल पक्षी के नाम पर नागालैंड में हर साल दिसंबर में हॉर्नबिल फेस्टिवल मनाया जाता है. इस पक्षी को हिंदी में धनेश कहा जाता है. यू तो नागालैंड की राजधानी कोहिमा है लेकिन यह त्यौहार कोहिमा से 12 किलोमीटर की दूरी दक्षिण में नागा गावं किसामा में मनाया जाता है. हार्नबिल फेस्टिवल से जुड़ी कुछ ख़ास बातें... - नागालैंड की जनजातियां इस त्यौहार को बहुत ही जोरो शोरो से मनाती है. बता दें कि यहां की 60% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है और इसलिए उनके अधिकांश त्योहार गोल कृषि को घूमते हैं. - पक्षी के नाम पर, हॉर्नबिल महोत्सव नागालैंड के स्वदेशी योद्धा जनजातियों के सबसे बड़े उत्सवों में से एक माना जाता है. आपको बता दें कि सींगबिल विशेष रूप से नागाओं द्वारा सम्मानित है और आदिवासी लोकगीत, नृत्य और गीतों में इसकी झलक नजर आती है. -इस त्यौहार की ख़ास बात यह है कि इसमें पारंपरिक कला, नृत्य, लोक गीत और खेल आदि को शामिल किया जाता हैं. - आपको एक ख़ास बात से अवगत करा दें कि इस त्यौहार का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 दिसंबर, 2014 को किया था. - 10 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार सुबह 9 बजे से शुरू हो जाता है और शाम 5 बजे से पहले यह समाप्त भी हो जाता है. खुशखबरी: अगले दो दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में आ सकती है बड़ी कमी, यह है वजह आईओसी करेगी फैसला टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी शामिल होगी या नहीं सुर्खियां: ये हैं देश और दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ख़बरें बिग बी ने खोला राज- बॉलीवुड सितारों की शादी के लिफाफे में रखे जाते हैं इतने रुपए?