मंगलौर : केंद्र सरकार ने 500 रूपए और 1000 रूपए के नोट्स बंद करने का निर्णय लिया तो हर ओर हड़कंप मच गया। हालांकि सरकार द्वारा पैट्रोल पंप्स, सरकारी चिकित्सालयों और कुछ अन्य स्थलों पर 500 रूपए के पुराने नोट्स को स्वीकारे जाने की सुविधा भी दी गई है लेकिन इस सुविधा में पेंच तब सामने आ गया, जब स्वयं केंद्रीय मंत्री 500 रूपए के नोट लेकर अस्पताल में भटकते रहे और उन्हें अपने ही भाई का शव चिकित्सालय से लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय सांख्यिकी मंत्री सदानंद गौड़ा के भाई भास्कर गौड़ा निजी चिकित्सालय में भर्ती थे और मंगलवार को उनका निधन हो गया। जानकारी सामने आई है कि वे पीलिया रोग से पीड़ित थे और चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा था, मगर भास्कर गौड़ा को बचाया नहीं जा सका। जब केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को अपने भाई के जीवित नहीं होने की जानकारी मिली तो वे अस्पताल से अपने भाई का शव लेने के लिए बिल का भुगतान करने पहुंचे। ऐसे में जब उन्होंने बिल का भुगतान पुराने नोट्स से करने का प्रयास किया तो अस्पताल प्रबंधन ने पुराने नोट स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। केंद्रीय मंत्री गौड़ा अस्पताल प्रबंधन द्वारा नोट नहीं लिए जाने से नाराज़ हो गए और उन्होंने चिकित्सालय से लिखित में जानकारी मांग ली। बाद में चिकित्सालय को चैक से बिल का भुगतान कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सरकारी चिकित्सालय में 24 नवंबर तक की अवधि में पुराने नोट स्वीकार किए जाने की सुविधा दी है। निजी चिकित्सालयों में यह सुविधा नहीं दी गई है। नोटबंदी पर बड़ा एलान: डेबिट कार्ड पर सर्विस चार्ज नहीं, किसानों को भी राहत नोटबंदी पर एकजुट हुआ विपक्ष, सरकार के विरोध में जुटे 200 सांसद नोटबंदी में पेटीएम की राहत, नकदी रहित