आज के समय में जो दुनियाभर के प्रमुख खेल है उनमे बैडमिंटन का नाम भी शामिल है. इस खेल के विकास में भी इंग्लैंड ने अपना योगदान दिया है. भारत में 125 वर्ष पूर्व इस खेल की शुरुआत हुई थी. लेकिन इतिहास कहता है कि 1873 मे ड्यूक ऑफ बेफोर्ट ने एक शानदार पार्टी में इस खेल को बैडमिंटन नाम दिया था. इसके 20 साल बाद इंग्लैंड द्वारा 1893 में इंग्लैंड बैडमिंटन संघ की स्थापना हुई. बैडमिंटन से जुड़ीं मुख़्य जानकारी... - बैडमिंटन खेलने के लिए दो लोगों की आवश्यकता जरूर होती है. इसमें एक-दूसरे के मध्य शटलकॉक का आदान-प्रदान होता है. इस दौरान दोनों ही खिलाड़ियों के बीच एक नेट लगी होती है. नेट के दोनों ओर खिलाड़ी खड़े होते हैं. शटलकॉक को रैकेट की मदद से एक-दूसरे तक पहुंचाया जाता है. - खेल के दौरान यदि कोई खिलाड़ी शटलकॉक को दूसरे खिलाड़ी तक पहुंचाने में अमसर्थ हो जाता है तो सामने वाले खिलाड़ी को एक अंक मिल जाता है. - बैडमिंटन का एक मैच कुल 3 भागों में खेला जाता है. हर भाग 21 अंकों का होता है. यदि मन लीजिए इस दौरान दोनों ही टीम या खिलाड़ियों को 20-20 अंक प्राप्त होते है, तो यह खेल तब तक चला है, जब तक कि दूसरी को अधिक अंक न मिल जाए. वहीं जो टीम अधिक अंक पा लेती है, वह इसकी विजेता होती है. - यह खेल युगल में भी खेला जाता है और युगल के कोर्ट की लंबाई 44 फीट और चौड़ाई 20 फीट होती है. - बैडमिंटन को सीमेंट के पक्के फर्श या फिर लकड़ी के बने हुए कोर्ट पर खेलते हैं. हालांकि आम तौर पर इसे घास के मैदान या मिट्टी के मैदानों में भी खेला जाता है. - रैकेट, शटलकॉक और नेट के अलावा इस खेल के प्रमुख उपकरणों में और भी कई चीज शामिल की जाती है. इनमें जाल की लंबाई 6.99 मीटर, कोर्ट की केंद्र से ऊंचाई 1.50 मीटर, रैकेट की लंबाई 27 इंच, फ्रेम की लंबाई 11 इंच, वजन 85 से 140 ग्राम, चौड़ाई 9 इंच, शटल कॉक (चिड़ी) का वजन 4.73 से 5.50 ग्राम,परिधि 6.4 से 7 से.मी. की होती है. क्या आप जानते है हॉकी में भी लिया जाता है कैच, जानिए इस खेल के नियम फुटबॉल का इतिहास, क्या आप जानते हैं इससे जुड़ीं ये 12 काम की बातें COVID- 19 के कारण रद्द हुआ टेनिस टूर्नामेंट