नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भारत को क्या कदम उठाने चाहिए, इसका जिक्र शुक्रवार को पब्लिश लांसेट की रिपोर्ट में किया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वक़्त कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए देश में फ्लेक्सिबल तथा फुर्तीली टीकाकरण रणनीति की आवश्यकता है। रिपोर्ट में टेस्ट सकारात्मकता अनुपात (टीपीआर) की सहायता से सेंटनल साइट बेस्ड निगरानी के महत्व को भी हाईलाइट किया गया है। लांसेट रिपोर्ट को इसकी मासिक ओपन एक्सेस ग्लोबल हेल्थ मैगजीन में ‘रेस्पॉन्सिव एंड ऐजल वैक्सीनेशन स्ट्रेटेजी अगेंस्ट कोविड-19 इन इंडिया’ शीर्षक से प्रकाशित हुई। इसमें कहा गया है कि कैसे सीमित टीकाकरण संसाधनों को भी फ्लेक्सिबल तरीके से उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए रिपोर्ट में 1918 और 2009 में बीते इन्फ्लूएंजा महामारी के अनुभव का हवाला दिया गया। इसके साथ-साथ कई दूसरे देशों में वर्तमान कोरोना संक्रमण के बारे में कहा जहां संक्रमण की दो से अधिक वेव आ चुकी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के बीच फ्लेक्सिबल तथा फुर्तीली टीकाकरण रणनीति जिंदगी एवं आजीविका की रक्षा करने में अहम किरदार निभा सकती है। ड्राइव-इन टीकाकरण को कैसे किया सम्मिलित:- प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कम्युनिटी आधारित आउटरीच एक्टिविटी के साथ-साथ तमाम इलाकों में बुजुर्ग श्रेणी के लिए परिवहन सुविधाओं से टीकाकरण केंद्र तथा इसके लाभार्थियों के बीच की दूरी को कम करने में सहायता कर सकती हैं। इन आउटरीच गतिविधियों में ग्रामीण परिवेश में बस्तियों के निकट सैटेलाइट वैक्सीनेशन केंद्र बनाना, शहरी इलाकों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से आसपास के व्यक्तियों के लिए टीकाकरण का इंतजाम करना, बड़े सामुदायिक हॉल तथा पार्किंग स्थलों का इस्तेमाल करके ड्राइव-इन टीकाकरण आदि इसमें सम्मिलित हैं। 'हवाला' मनी केस में केरल पुलिस ने बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन को भेजा समन दरभंगा ब्लास्ट: 7 दिन तक NIA की रिमांड पर रहेंगे आतंकी नसीर और इमरान भगवान के देश केरल में नहीं हो रही वर्षा: IMD