महामारी कोरोना की काट के लिए दुनियाभर में वैज्ञानिक वैक्‍सीन विकसित करने के साथ साथ यह भी पता करने की कोशिशें कर रहे हैं कि आखिर इस जानलेवा वायरस की उत्‍पत्ति कहां से हुई है. वैज्ञानिकों ने एक अध्‍ययन में पाया है कि कोरोना आकार बदलकर जानवरों से मनुष्यों में दाखिल होने और उन्हें संक्रमित करने में सक्षम है. वैज्ञानिकों ने इस अध्‍ययन में कोरोना और जानवरों में इसके प्रारूपों का आनुवंशिक विश्‍लेषण करने के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला है. संगकारा का बड़ा बयान, कहा- 'मैदान पर दर्शक काफी ज्यादा थे...' इसके अलावा वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना का सबसे निकटवर्ती वही वायरस है जो चमगादड़ों को संक्रमित करता है. अध्‍ययनकर्ताओं की टीम में अमेरिका के अल पासो में टेक्सास विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे. यह अध्‍ययन साइंस एडवांसेस में प्रकाशित हुआ है. इसमें कहा गया है कि सार्स-कोव-2 (SARS-CoV-2) वायरस की इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता पैंगोलिन को संक्रमित करने वाले कोरोना से एक अहम जीन की अदला-बदली से जुड़ी है. ब्रिटेन और अमेरिका ने UNSC में उठाया हांगकांग का मुद्दा, तिलमिलाया चीन अपने बयान में आगे वैज्ञानिकों ने कहा कि यह जानलेवा वायरस अपने आनुवंशिक गुणों में बदलाव करके संक्रमित शख्‍स की कोशिकाओं में मौजूद रह सकता है. यह इस वायरस की ऐसी क्षमता है जिसके कारण यह एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में दाखिल हो सकता है. वैज्ञानिकों की मानें तो इस वारयस में ऐसी क्षमता है कि जिससे वह हर कोशिका में दाखिल हो सके. हम ऐसा भी कह सकते हैं कि इसके पास ऐसी चाबी है जिससे सभी तरह की कोशिकाओं के तालों को खोलने में सक्षम है. वही, अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय के शोधकर्ता फेंग गाओ ने कहा कि सार्स या मर्स की तरह कोरोना भी अपने आनुवंशिक गुणों में बदलाव करने में सक्षम है. इन्‍हीं गुणों की वजह से वह इंसानों को बीमार कर सकता है. वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके इस अध्ययन से वायरस से भविष्य में होने वाली महामारियों को रोकने में मदद मिलेगी. यही नहीं यह अध्‍ययन इस वायरस का टीका बनाने में भी मददगार साबित होगा. बेहद ही रोमांचित है Larry page की जीवन कहानी, आप भी जरूर जानें इनके बारें में खास बाते पाकिस्तान में कोरोना संक्रमितों की संख्या 67 हज़ार पार, मौतों का आंकड़ा 1400 के करीब चीन में अब नहीं खाया जाएगा कुत्ते का गोश्त, इस वजह से लिया फैसला