आखिर कैसे अपने ही सिपाही से पिट गए SDM साहब

एससी-एसटी आरक्षण को लेकर देशभर में भारत बंद का आह्वान किया गया था, जिसका सबसे ज्यादा असर बिहार में देखने को मिला। राजधानी पटना समेत कई जिलों में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुईं। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। पटना के डाक बंगला चौराहे पर हालात खासकर तनावपूर्ण हो गए, जहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ।

पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

बुधवार को पटना के डाक बंगला चौराहे पर बंद समर्थकों का एक बड़ा हुजूम इकट्ठा हुआ था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे। पुलिस बार-बार प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दे रही थी कि वे अराजकता न फैलाएं, लेकिन प्रदर्शनकारी अनसुना करते रहे। स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे बंद समर्थक इधर-उधर भागने लगे।

एसडीएम पर गिरी लाठी

इस दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी। पटना सदर के एसडीएम, श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, जो डीजे ठेले के पास खड़े थे, उन्हें भी लाठीचार्ज की चपेट में आ गए। एक सिपाही ने गलती से एसडीएम को लाठी मार दी। इस घटना को वहां मौजूद पत्रकारों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। हालांकि, दूसरे सिपाहियों ने स्थिति को संभाला और उस सिपाही को समझाकर किनारे ले गए।

बिहार के कई जिलों में बंद का असर

एससी-एसटी आरक्षण को लेकर भारत बंद का सबसे ज्यादा असर बिहार में देखा गया। पटना के अलावा राज्य के कई जिलों में भी बंद समर्थकों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पटना में साइंस कॉलेज के पास प्रदर्शनकारी उग्र हो गए, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए लाठीचार्ज किया।

दानापुर में डीआरएम (डिवीजनल रेलवे मैनेजर) कार्यालय के पास प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी, जिससे यातायात बाधित हुआ। वहीं, जहानाबाद में बंद समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। इन घटनाओं में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नारेबाजी

प्रदर्शनकारी सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण विरोधी फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वे मांग कर रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला वापस ले। पटना के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी पुलिस को जगह-जगह बल प्रयोग करना पड़ा ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।

अधिकारियों की सक्रियता

राजधानी पटना में स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए उच्च प्रशासनिक अधिकारी खुद मौके पर मौजूद थे। उनकी सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से हालात और बिगड़ने से बच गए। हालांकि, कुछ स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण रही और पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

प्रशासन की अपील

घटना के बाद प्रशासन ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि कोई भी अपनी समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से ही करें। पुलिस और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना दिखाती है कि देश में आरक्षण को लेकर भावनाएं कितनी गहरी हैं और ऐसे मुद्दों पर लोगों के बीच तनाव बढ़ सकता है। प्रशासन की चुनौती होती है कि वे इस तरह की भावनाओं को सही दिशा में मोड़ें और कानून व्यवस्था बनाए रखें। पटना में जो कुछ हुआ, वह इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक छोटी सी चूक बड़े विवाद का कारण बन सकती है।

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