सपा में कितने अपराधी? रेप-किडनैपिंग-फर्जी डिग्री के बाद नकली नोटों संग पकड़ाए 'सपा' नेता

लखनऊ: अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के दो और नेता आपराधिक गतिविधियों में रंगे हाथों पकड़े गए हैं। कुशीनगर पुलिस ने नकली नोटों की तस्करी में शामिल दो सपा नेताओं सहित दस तस्करों को दबोचा है। गिरफ्तार तस्करों के पास साढ़े पांच लाख रुपये से ज्यादा के नकली भारतीय नोट, तीन हजार के नेपाली नोट, अवैध असलहे, कारतूस व सुतली बम बरामद हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, तस्करों में शामिल मोहम्मद रफीक उर्फ बबलू खान सपा लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव और नौशाद खान सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का प्रदेश महासचिव है। गिरफ्तार औरंगजेब भी राजनीति में सक्रिय था और समाजवादी पार्टी का समर्थक है। हालाँकि, रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद सपा जिलाध्यक्ष शुकरुल्लाह अंसारी ने अपराधियों का बचाव करते हुए कहा है कि दोनों पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा फंसाया गया है और ये सपा को बदनाम करने की साजिश है। हालाँकि, पुलिस अब आरोपियों की रिमांड लेने में लगी हुई है। 

सपा में कितने अपराधी ?

इस लोकसभा चुनाव में सपा की सीटें बढ़ने के साथ ही सपा नेताओं के अपराध भी बढ़ते नज़र आ रहे हैं। बीते 2 से 3 महीनों में कई सपा नेता बेहद संगीन अपराधों में गिरफ्तार हुए हैं। अयोध्या में सपा नेता मोईद खान और राजू खान को एक दलित नाबालिग लड़की का सामूहिक बलात्कार करने और उसे गर्भवती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला था कि, सपा नेता मोईद ने दलितों की जमीन हड़पने समेत कई अन्य अपराध भी किए हैं। मोईद खान, अयोध्या से सपा सांसद अवदेश प्रसाद का करीबी है। इसके बाद अखिलेश की ही संसदीय सीट कन्नौज से नवाब सिंह यादव को एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। नवाब, अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव का प्रतिनिधि भी रह चुका है, सपा ने उसके बचाव में भी यही बात कही थी कि नवाब को फंसाने की कोशिश की गई है। जबकि DNA रिपोर्ट में नवाब का सैंपल रेप पीड़िता से मैच हो गया है कि वही बलात्कारी है। बाद में नवाब यादव का भाई और सपा नेता नीलू यादव भी गिरफ्तार हुआ, जो रेप पीड़िता को केस वापस लेने के लिए धमका रहा था।  

 

इसी महीने 6 सितंबर को यूपी पुलिस ने सपा कार्यकर्ता शाहबान को गिरफ्तार किया था, जिसने दलित नाबालिग का बलात्कार किया था और केस दर्ज होने के बाद पीड़ित परिवार को धमकाया भी था। एक हफ्ते पहले यूपी पुलिस ने सपा विधायक जाहिद बेग को पत्नी सहित गिरफ्तार किया है, जिसके घर से एक नाबालिग लड़की की लाश मिली थी, जो वहां काम करती थी। वहीं काम करने वाली दूसरी नाबालिग लड़की ने बताया था कि, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और बराबर पैसे भी नहीं दिए जाते। वहीं, सपा के पूर्व प्रदेश सचिव वीरेंदर बहादुर पाल पर भी इसी महीने बलात्कार के मामले में FIR दर्ज हुई है, जिसके बाद से वो फरार है। सपा नेता डॉ विजय शर्मा भी फरार है, जिसने मेडिकल की फर्जी डिग्रियां बेचकर कई छात्रों से करोड़ों की ठगी की है। ये मामला बरेली के खुसरो कॉलेज का है, जिसका अध्यक्ष शेर अली और उसका बेटा पुलिस की गिरफ्त में है। खुद अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद पर हाल ही में किडनेपिंग, मारपीट और धमकी का केस दर्ज हुआ है। इसके अलावा भी कुछ छोटे मोटे मामले हैं, जो मेनस्ट्रीम मीडिया में नहीं आए हैं, लोकल मीडिया में ही दबकर रह गए हैं। हालाँकि, हर मामले में सपा यही कह रही है कि हमें फंसाया गया है, साजिश हुई है, सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। लेकिन, सपा की एक भी बात कोर्ट में साबित नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव के बाद से सपा नेताओं द्वारा इतने अपराधों को अंजाम देना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। क्या जनता ने उसे वोट देकर कोई भूल कर दी है ? इन तमाम मामलों पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी भी हैरान करने वाली है। अगर उनकी पार्टी के नेता निर्दोष हैं, तो अखिलेश खुद उनके समर्थन में कोर्ट जाएं और उन्हें छुड़ाकर लाएं, वरना ऐसे अपराधियों को पार्टी से बाहर निकालें।  

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