इस्लामी कानून के तहत मुस्लिम पुरुषों को एक से ज़्यादा महिलाओं से शादी करने का अधिकार है। हालाँकि, इस्लामी कानून किसी भी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार की अनुमति नहीं देता है। इस्लामी कानून के अनुसार, एक मुस्लिम पुरुष बिना तलाक दिए कितनी शादियाँ कर सकता है? क्या एक मुस्लिम पुरुष बिना तलाक दिए 5-6 शादियाँ कर सकता है? इस्लामी कानून के अनुसार, एक मुस्लिम पुरुष एक समय में कानूनी तौर पर अधिकतम 4 पत्नियाँ रख सकता है, लेकिन उसे सभी पत्नियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। ऐसा न करने पर पत्नी मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम 1939 के तहत तलाक मांग सकती है। इस्लामी कानून के अनुसार, एक मुस्लिम पुरुष पहली पत्नी की अनुमति से दूसरी शादी कर सकता है। तीसरी शादी के लिए उसे अपनी पहली और दूसरी पत्नी की सहमति लेनी होगी। इसी तरह, चौथी शादी के लिए तीनों पत्नियों की मंजूरी की आवश्यकता होती है और सभी पत्नियों के साथ समान व्यवहार अनिवार्य है। इस्लामी कानून में यह भी कहा गया है कि अगर कोई मुस्लिम पुरुष अपनी पत्नियों की अनुमति के बिना शादी करता है, तो उसे अपनी सभी पत्नियों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। इसके अलावा, पहली पत्नी को भरण-पोषण और अन्य सभी अधिकार मिलने चाहिए। इस्लामी कानून के अनुसार, केवल मुस्लिम पुरुष ही एक से अधिक महिलाओं से विवाह कर सकते हैं। मुस्लिम महिलाओं को एक से अधिक पुरुषों से विवाह करने की अनुमति नहीं है। नियमों के अनुसार, यदि कोई मुस्लिम महिला पुनर्विवाह करना चाहती है, तो उसे मुस्लिम पर्सनल लॉ या मुस्लिम विवाह अधिनियम 1939 के तहत अपने पहले पति को तलाक देना होगा। उसके बाद ही वह दोबारा शादी कर सकती है। अपने बच्चों को सिखाएं चाणक्य के ये कोट्स, यकीन मानिए बदल जाएगी आपकी पूरी जिंदगी Google ऑनलाइन शुरू करने जा रहा है नया कार्यक्रम, AI को लेकर सीख सकते है आप कई बातें बच्चों को किस उम्र में पैसे बचाना सिखाया जाना चाहिए, बड़े होने पर यह बहुत काम आएगा