'आपने कितनी बार प्यार किया', जानिए क्यों जगदीप धनखड़ से ऐसा बोले प्रमोद तिवारी?

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का आज नौवां दिन है तथा बजट सत्र के नौवें दिन की कार्यवाही का राज्यसभा में हंगामेदार शुरुआत हुई। राज्यसभा की कार्यवाही आरम्भ होते ही विपक्ष ने कुछ मुद्दे उठाए तथा इसे लेकर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी जताई। जगदीप धनखड़ ने इस पर कहा कि आप मेरे चैंबर में आइए, मैं हर वक़्त आपत्तियां सुनने एवं करेक्ट करने के लिए उपलब्ध हूं।

सभापति के इतना बोलने के पश्चात् कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन से कुछ अंश निकाले जाने का मुद्दा उठाया। प्रमोद तिवारी ने इसे नियम 262 एवं 263 का उल्लंघन बताया तथा कहा कि शायरी तो प्यार-मोहब्बत के साथ की जाती है। इसे नहीं निकाला जाना चाहिए सर। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने बोला कि मेरी समझ में ये नहीं आता कि शायरी प्यार-मोहब्बत के साथ होती है कि प्यार-मोहब्बत से शायरी होती है। तत्पश्चात, प्रमोद तिवारी ने जगदीप धनखड़ से सवाल किया कि आपको कितनी बार प्यार हुआ है, मुझे ये बता दीजिए। प्रमोद तिवारी के इस प्रश्न पर सदन में उपस्थित हर कोई मुस्करा उठा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ भी इस पर स्वयं को मुस्कराने से नहीं रोक सके। प्रमोद तिवारी ने इस पर कहा कि जब याद आ जाए तो बता दीजिएगा कि आपने कितनी बार प्यार-मोहब्बत से शायरी की है।

प्रमोद तिवारी ने सभापति से बोला कि हो सकता है कि कुछ अंश नीचे के लोगों की गलती से हटा दिए गए हों। इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे पास काबिल अफसरों की टीम है। नीचे से कोई गलती नहीं हुई है। तत्पश्चात, प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब आपने स्वयं ही ये मान ही लिया है कि आपने कार्यवाही से हटवाया है तो कृपया इस गलती को सुधार भी लीजिए। फिर जगदीप धनखड़ ने कहा कि दोपहर के बाद मेरे चैंबर में आइए। जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि जिसे चाय पसंद है, उसे चाय और जिसे कॉफी पसंद हो उसे कॉपी पिलाएं। जगदीप धनखड़ ने प्रधानमंत्री मोदी के बाली दौरे को लेकर एक सदस्य की तरफ से वीडियो क्लिप दिखाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने तीन लाइनें भी कहीं जो बेहद आपत्तिजनक थीं। इन्हें ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि माननीय सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं तथा हार्वर्ड के भी पढ़े हुए हैं। वे शाम को मेरे चैंबर में आए एवं हमारी-उनकी जो बातचीत हुई, उसे पत्र में भी लिखा दिया कि चेयरमैन्स एडवाइस। मैंने कोई एडवाइस नहीं दी। मैंने बस नियमों का पालन करने के लिए बोला। जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन में कुछ बातों को भी आपत्तिजनक बताया।

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