नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार (27 सितंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण में कथित अनियमितताओं का पता लगाने के लिए CBI जांच का आदेश दिया। इसके बाद जांच एजेंसी ने मामले में प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की। अब वह इस मामले की जांच करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, CBI ने दिल्ली सरकार के तहत लोक निर्माण विभाग (PWD) को 3 अक्टूबर तक सभी दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया है। CBI अब दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच में सामने आई कथित अनियमितताओं से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर, दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने मामले की जांच शुरू करने के लिए CBI को पत्र लिखा था। जाहिर तौर पर, मई में CBI निदेशक को लिखे गए उनके पांच पेज के पत्र ने इस जांच को प्रेरित किया है। इससे पहले 18 जून को सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर कथित खर्च के मामले में लोक निर्माण विभाग (PWD) के सात अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया था। बाद में, 27 जून को, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण के दौरान कथित "प्रशासनिक और वित्तीय" अनियमितताओं में एक "विशेष ऑडिट" शुरू किया था, जिसे मीडिया रिपोर्ट्स में 'शीश महल' कहा जाता है। उपराज्यपाल सचिवालय से 24 मई 2023 को एक पत्र प्राप्त होने के बाद गृह मंत्रालय की एक सिफारिश के बाद CAG का विशेष ऑडिट कदम उठाया गया। इसमें बताया गया था कि प्रथम दृष्टया केजरीवाल के आधिकारिक आवास के पुनर्निर्माण में घोर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। LG ने अपने पत्र में रेखांकित किया कि ये उल्लंघन या "असाधारण खर्च" केजरीवाल की पत्नी के स्पष्ट संदर्भ में, "माननीय सीएम मैडम" के आदेश पर, कोविड-19 महामारी के चरम के दौरान हुए थे। बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का आवास सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है। यह आरोप लगाया गया था कि उनके आधिकारिक आवास पर किए गए नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। कांग्रेस के अजय माकन ने तो केजरीवाल के नए घर को सजाने में कुल 171 करोड़ रुपये खर्च होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि, इस दौरान फ्लैगस्टाफ रोड पर मुख्यमंत्री के घर के पास स्थित 22 में से 15 अधिकारियों के घर या तो ध्वस्त कर दिए गए या फिर खाली करवा दिए गए। जिनके घर बच गए थे, उन्हें कहा गया कि उन्हें दोबारा आवास उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस दौरान 126 करोड़ रुपये 21 नये प्रकार के फ्लैट को खऱीदने में खर्च किए गए। कांग्रेस नेता ने भी LG को पत्र लिखकर इसकी निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के सीएम और AAP सुप्रीमो के आवास पर 23 पर्दे लगाने की मंजूरी दी गई, जिसकी कुल लागत 97 लाख रुपये है। वियतनाम से आयातित, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण के लिए इस्तेमाल किए गए संगमरमर की कीमत तक़रीबन 3 करोड़ रुपये है। फर्श 'डेओर पर्ल मार्बल' का उपयोग करके बनाया गया था, जो अपनी बेहतर गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, संगमरमर को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रासायनिक चिपकने वाले पर 21,60,000 रुपये खर्च किए गए। दस्तावेज़ों से यह भी पता चलता है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर छह अलमारियाँ स्थापित करने पर 40 लाख रुपये खर्च किए गए थे। 'भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार..', शरण लेने पाकिस्तान पहुंचे मोहम्मद हसनैन और इशाक अमीर नशाखोरी को सियासी संरक्षण ! ड्रग्स मामले में गिरफ्तर हुए कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा 'न्याय इतना महंगा न हो कि आम आदमी से दूर हो जाए', नए कोर्ट भवन का शिलान्यास कर बोली राष्ट्रपति मुर्मू