नए नियम आने की वजह से पूरे देशभर में अनिवार्य हो गया है कि आप हमेशा अपने साथ अपने वाहन के डॉक्यूमेंट्स लेकर चलें. इसमें सबसे खास आपका ड्राइविंग लाइसेंस आपके पास होना बहुत जरूरी है. अगर आपके पास कुछ नहीं है तो ट्रैफिक पुलिस आपके ऊपर मोटा चालान लगा सकती है. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (MoRTH) ने क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म DigiLocker के साथ करार किया है, जो आपको दस्तावेजों की डिजिटल प्रतियां आपके डेस्कटॉप या मोबाइल डिवाइस पर ले जाने की अनुमति देता है. DigiLocker सीधे राष्ट्रीय रजिस्टर के साथ एकीकृत है, जो देशभर में वाहन रजिस्ट्रेशन का राष्ट्रीय डेटाबेस है. जबकि डॉक्यूमेंट्स का डिजिटलीकरण अभी तक अनिवार्य नहीं है, यह आपको उन भारी जुर्माने से बजा सकता है. iPhone XS Max स्मार्टफोन लवर्स के लिए बुरी खबर, ब्रिकी होगी बंद मीडिया रिपोर्ट के अनुसार DigiLocker अकाउंट को कैसे इस्तेमाल करना है और यहां आपको अपने डॉक्यूमेंट्स और ड्राइविंग लाइसेंस कैसे अपलोड करने है इस पूरी रिपोर्ट में पता चलेगा. डिजिलॉकर अकाउंट पूरी तरह फ्री है और इस एप में आप अपने मोबाइल नंबर के जरिए अपना अकाउंट बना सकते हैं. यह एप आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन-टाइम पासवर्ड) भेजेगी जिसे फॉलो करके आप अपना यूजरनेम और पासवर्ड जनरेट कर सकते हैं.इसके बाद आपसे आधार नंबर पूछा जाएगा जिसके जरिए डिजिलॉकर के सिस्टम में आपकी जरूरी जानकारी जुड़ जाएंगी. कृपया ध्यान दें कि डिजिटल कॉपी के लिए आपके रिकॉर्ड को स्वीकार करने के लिए आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस के विवरण को डिजिलॉकर से मिलान करना होगा. Vivo V17 Pro स्मार्टफ़ोन कई कैमरे से है लैस, इस दिन होगा लॉन्च आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूजर को अपने ड्राइविंग लाइसेंस नंबर को उस सिस्टम में जोड़ने की आवश्यकता है जो MoRTH रिकॉर्ड के साथ इसकी पुष्टि करता है. मिलान हो जाने के बाद, DigiLocker लाइसेंस के लिए डेटा को रियल टाइम में सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से सीधे लाएगा.रिकॉर्ड से खींचा गया डेटा रिकॉर्ड रखने के उद्देश्यों के लिए एक टाइम स्टैंप के साथ आता है.सबसे जरूरी बात ये कि आपका ड्राइविंग लाइसेंस स्थानीय क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) के साथ अपडेट होना चाहिए. यदि MoRTH रिकॉर्ड में DL नंबर मौजूद नहीं है, तो DigiLocker आपके ड्राइविंग लाइसेंस की डिजिटल कॉपी स्वीकार नहीं करेगा.आपके वाहन के दस्तावेज अगले का पालन करते हैं और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस और पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) शामिल हैं.डिजिलॉकर आपको दस्तावेज अपलोड करने के लिए अलग-अलग फोल्डर बनाने की अनुमति देता है जिससे अगर आप कई वाहनों के मालिक हैं तो काम आएगा.डिजिटल सिग्नेचर के साथ, डिजिटल RC और DL एक डिजिलॉकर में ऑथेंटिसिटी के लिए वेरिफाइड किया जा सकता है, जिसमें आप QR कोड के जरिए या फिर MoRTH डिजिटल सिग्नेचर के जरिए कर सकते हैं. जानिए किन कारणों की वजह से भारत में 5G सर्विस शुरू होने में हो रही देरी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत डिजिलॉकर या mParivahan एप्स के साथ सहेजे गए डिजिटल दस्तावेजों को पहचानती है और ट्रैफिक अधिकारियों को भी इसे स्वीकार करना होगा. वे आपको मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते.डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और व्हीकल जरिस्ट्रेशन कॉपीज भी फिजिकल डॉक्यूमेंट्स के उपयोग को कम करती हैं.सबसे जरूरी बात याद रखें, ट्रैफिक अधिकारियों द्वारा केवल ऑरिजनल डॉक्यूमेंट्स की तस्वीरें या स्कैन की गई कॉपीज स्वीकार नहीं की जाएंगी. रेल्वे में रिजर्वेशन कराने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, टिकटों को लेकर दिक्कत होगी कम अगर आपने इन गलतीयों पर नही दिया ध्यान तो, आपका Whatsapp अकांउट हो सकता है बैनFlipkart पर ये लेटेस्ट स्मार्टफोन पहली बार सेल में होगा उपलब्ध, जानिए ऑफर