छोटे बच्चों की त्वचा बहुत कोमल होती है, इसलिए उसकी देखभाल में विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. बच्चे की त्वचा को स्वस्थ रखने का मतलब केवल चेहरे की त्वचा से नहीं बल्कि पूरे शरीर की त्वचा से है. आपकी हल्की सी असावधानी से बच्चे की त्वचा में इंफेक्शन हो सकता है. बहुत नाजुक होती है बच्चों की त्वचा. जरा सी नादानी से बच्चों को काफी परेशानी हो सकती है. ऐसे में आपको चाहिए अपने छोटे से बच्चे की त्वचा का पूरा खयाल रखें. नहलाते वक्त ध्यान रखें जन्म के 10 दिन बाद बच्चे को हल्के गरम पानी से नहला सकते हैं. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है वह फर्श पर चलने की प्रैक्टिश करता है ऐसे में उसकी त्वचा गंदी हो जाती है और ऐसे में त्वचा का संक्रमण फैलने की संभावना भी रहती है. इसलिए बच्चे को नहलायें, नहलाने से पहले शरीर की बेबी ऑयल से जरुर मालिश करें. त्वचा को हमेशा नमी देती रहें क्योंकि साबुन की वजह से बच्चे की त्वचा रूखी हो सकती है. त्वचा को रखें सूखी बच्चे की त्वचा को सूखी रखने की कोशिश करें, नहीं तो उसे डायपर रैशेज हो सकते हैं. डायपर्स बदलते समय त्वचा को अच्छी तरह से सुखाने के बाद ही दूसरा डायपर बच्चे को पहनायें. अगर जल्दबाजी में आप ऐसा करना भूल जाती हैं तो त्वचा में रह गई नमी से उसे बच्चे को रैशेज हो सकते हैं जो संक्रमण का कारण बनते हैं. स्क्रैच से बचायें बच्चों को मालिश बहुत जरूरी है, बच्चों की मालिश कीजिए. लेकिन मालिश के वक्त तेल का चयन करते वक्त ध्यान रखें. बहुत ज्यादा सुगंधित तेलों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि कुछ सुगंधों से त्वचा में एलर्जी या खुजली हो सकती है. 1 साल तक के बच्चों को सरसों के तेल से मालिश न करें. पैरो की सूजन में करे गर्म तेल से मालिश