अक्सर यह होता की बहुत से लोग मेहनत करके लिखित परीक्षा तो पास कर लेते है पर जब बारी आती है इंटरव्यू की तो उस वक्त वे असफल हो जाते है. और फिर उनके अंदर निराशा का भाव जाग्रत हो जाता है. वे सोचते है की हमने कितनी मेहनत की थी लिखित परीक्षा में पर इंटरव्यू की वजह से फैल हो गए. पर अब आपको घबराने की जरूरत नहीं सफलता के लिए पढ़ें कुछ खास- आपको जानकर हैरानी होगी कि 27 प्रतिशत लोगों का रिजेक्शन का कारण उनका कमजोर हैंड सेक होता है. जब आप इंटरव्यूअर से हाथ मिलाते हैं या ग्रीटिंग करते हैं, तो इंटरव्यूअर इससे आपके आत्मविश्वास और व्यग्रता (नर्वस) को आंकता है. इंटरव्यू के लिए जब आप दरवाजे से कुर्सी तक सफर तय करते हैं, तो इंटरव्यूअर आपका एक-एक कदम नोटिस करता है. आपके कदमों की आवाज, पैर रखने का अंदाज से आपकी मूक छवि की शुरुआत होती है. आपकी वेशभूषा साफ, प्रेस और इंटरव्यू व आपके व्यक्तित्व के अनुरूप होनी चाहिए. इसके लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि कंपनी का ड्रेस कोड क्या है और आपके पद के अनुसार क्या होना चाहिए? ड्रेस कोड का अर्थ वैरायटी से है जैसे कि सूट या फिर फॉर्मल शर्ट-पैंट व अन्य. कपड़ों का चुनाव करते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है. सबसे पहला आपकी सहजता. पोशाक पूरी तरीके से सहज होनी चाहिए. इसके साथ ही इंटरव्यू के दौरान चीजों को प्रयोग करने का तरीका भी आपके छवि को प्रभावित करता है. जैसे यदि आपने कोई भी पेय पदार्थ पिया, तो उसे उठाने और पीने की आवाज नहीं होनी चाहिए. यह आपको बेहद शर्मिंदा कर सकती है. आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके व्यक्तित्व को आपके शब्दों से ज्यादा बयां करती है. आपके उठने-बैठने का सलीका, हाथों का घुमाव ये सब चीजें आपके व्यक्तित्व की परिचायक होती हैं. इंटरव्यू में कभी भी अपने हाथों को बांधकर न बैंठे, यह आपकी नर्वसता को गैर-पेशेवर बिहेवियर को दिखाता है. बहुत कम लोग होते हैं, जो आई कॉन्टैक्ट यानी सामने वाले की आंखों में आंखे डालकर बोल पाते हैं. इससे आप एक निडर और अनूठी छवि बना सकते हैं, जो सीधा इंटरव्यूअर के जहन में बैठ जाती है. पुलिस विभाग में 627 पदों पर इंटरव्यू के आधार पर होगा चयन इंटरव्यू में आ रही समस्याओं के समाधान की सामान्य टिप्स