नई दिल्ली : इन्टरनेट पर फ़ैलाने वाली फेक न्यूज़ हमें भ्रमित करती रहती है. हाल ही में अमेरिका में राष्ट्रप्रति चुनाव में सोशल मीडिया की फेक न्यूज़ ने बहुत प्रभाव डाला था. इसीलिए फेसबुक ने फेक न्यूज़ को फ़िल्टर करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए, वही जर्मनी ने 5 लाख यूरो का जुर्माना लगाने का फैसला किया है. लेकिन हर बार आपको कोई नहीं बता सकता है की कौन सी न्यूज़ सही है और कौन सी फेक इसलिए आपको खुद ही सजग रहना होगा. - जो भी वेबसाइट Lo, .Co.com, Com.co से खत्‍म होती है यानि उनके यूआरएल में ऐसे शब्‍द अंत में आते हैं तो उन पर क्लिक न करें. इन बेकार की वेबसाइट पर सनसनी फ़ैलाने वाली खबरों को परोसा जाता है. - आर्टिकल में राइटर का नाम ना होना और न ही उसकी प्रोफाइल होना इस बात की निशानी हो सकता है की न्यूज़ फेक है. तो इस तरह की खबरों पर जल्दी भरोसा ना करे. - अगर आप कोई इन्‍वेस्टिगेटिव साइट देखते हैं तो उसमें एक ही राइटर के नाम पर दिन में कई पब्लिश स्‍टोरी होती हैं तो आप समझ जाएं ये कि साइट सिर्फ व्‍यवसायिक उद्देश्‍य के लिए चलाई जा रही है, इसका सच्चाई से कोई खास लेना देना नहीं होता है. - जिस जानकारी पर संशय की स्थिति हो उसे इन्टरनेट पर भरोसेमंद माध्यमो से चेक करे. लेनोवो के इस स्मार्टफोन पर मिल रही है छूट Paytm यूजर्स के लिए खास खबर वॉलेट लिमिट हुई दोगुनी