नई दिल्ली: हमारा मन बहुत अशांत है कभी भी एक जगह पर स्थिर नहीं रहता है, व्यक्ति चाहे किसी भी धार्मिक स्थल पर बैठा हो या फिर कही अधार्मिक स्थल पर, व्यक्ति एक साथ कई चीजों के बारे में सोचता है और ख़याली कल्पना भी करता हैं। कभी-कभी तो ऐसा भी होता है कि जब व्यक्ति को यह ज्ञात होता है कि मुझे यह नहीं सोचना है यह गलत है उसके बावजूद भी हम उसके बारे में ही सोचने लग जाते है। क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि ऐसा क्यों होता है चलिए हम आपको बताते है, - जिस बारे में हम सोचते है उसके बारे में हमे कही न कही पूरी जानकरी नहीं होती है जिसकी वजह से हम मन ही मन उस विषय के बारे में सोचने लग जाते है। - कभी-कभी ऐसा भी होता है कि व्यक्ति कई लोगो के बीच में होने के बावजूद भी वह अकेले रहना पसंद करता है, और फिर वह किसी सोच में डूब जाता है। -विचलित मन से बचने का एक अच्छा उपाय यह है कि आप जब भी कोई कार्य या किसी भी बात के बारे में जाने तो उसका पूर्ण ज्ञान ले, जिससे आपको अपने विचलित मन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी - हालांकि अपने विचलित मन को कंट्रोल करना कोई आसान कार्य नहीं है क्योकि हर चीज की आधी जानकरी हमे बचपन से ही मिलती है, और हमने कभी इस बात पर गौर भी नहीं किया है। वही बड़े होते-होते व्यक्ति पर यह इतना हावी हो जाता है कि इसे कंट्रोल करना व्यक्ति के लिए मुश्किल होता है। दर्द से जुंझ रही थी पत्नी, पति ने वैलेंटाइन डे पर 'गिफ्ट' दे डाली किडनी हॉकी इंडिया ने सीनियर महिला राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के लिए कोर संभावित समूह की घोषणा की गुरू के उदय होने के बाद भी नहीं कर सकेंगे ये शुभ कार्य, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह?