अक्सर ऐसा होता हैं की जब परीक्षा के दिन नजदीक आने लगते हैं तो स्टूडेंट्स बहुत घबराने लगते हैं.उन्हें लगता हैं की क्या होगा ? कैसे पेपर आएंगें ,सवालों के जबाब ठीक से दे पायेंगें या नहीं,इन सभी बातों का उनके अंदर मानसिक टेंशन अत्यधिक बन जाता हैं . परीक्षा का नाम सुनते ही उनकी भूख प्यास खो जाती हैं.ऐसी बहुत सी बातें सामने आती हैं, यदि आप इस परीक्षा का डरकर नहीं डटकर सामना करते हैं तो अवश्य रूप में अच्छी सफलता हासिल करते हैं . किसी के जीवन में गुजरी परीक्षा की ये कहानी बोर्ड एग्जाम के आते ही स्टूडेंट्स को एग्जाम फीवर चढ़ जाता है. ऐसा ही फीवर कभी मुझे था जब मैंने पहली बार 10वीं के बोर्ड एग्‍जाम दिए थे. मैथ्‍स के पेपर का दिन आते-आते तो मेरी हालत खराब हो गई थी. मैं रात भर यही सोचता रहा कि कैसे परीक्षा दूंगा, कहीं मैं फेल न हो जाऊं. सारी रात इसी डर में गुजारी. सुबह घर से निकलते हुए मां ने मेरे चेहरे के भाव पहचान लिए थे. मां ने मुझे परीक्षा के लिए आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह एक छोटी-सी परीक्षा है, कोई जीवन की हार-जीत नहीं है. इसलिए हमेशा बिना किसी चिंता को दिमाग में रखकर तुम परीक्षा की तैयारी करो. जीवन में कहीं भी जाओ किसी भी परीक्षा को दो, इस बात को याद रखो कि परीक्षा का डटकर सामना करना, डरकर नहीं. मां की इस बात को सुनकर मैंने अंदर कहीं बैठा लिया. परीक्षा भी आराम से दी, नंबर भी अच्छे आए. उस दिन का सबक मेरे जीवन में हमेशा काम आता है.