लखनऊ: हाल ही में राज्य मानवाधिकार आयोग ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर की गई कार्रवाई में लोगों की मौत व घायल होने के मामले में राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। वहीं आयोग ने मुख्य सचिव को इस विषय से जुड़ी सभी घटनाओं को लेकर चार सप्ताह में आयोग के रिपोर्ट दिए जाने को कहा है। आयोग क अध्यक्ष न्यायमूर्ति एस रफत आलम ने इसके लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज व फायरिंग किए जाने से कई लोगों के घायल होने और कई की मौत होने के समाचारों का हवाला दिया गया है। आगे यह कहा गया है कि यह आरोप लगे हैं कि ऐसा पुलिस द्वारा की गई अतिरेक व लापरवाही भरी कार्रवाई से हुआ। यह भी आरोप लगे हैं कि इससे लोगों के मानवाधिकारों का गंभीर हनन हुआ। नोटिस में कहा गया है कि आयोग ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। वहीं इस बात पर गौर फ़रमाया गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गत 19 दिसंबर को शहर में हिंसा व आगजनी से करीब 4.55 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है। सूत्रों का कहना है कि 4 एडीएम की एकल कमेटी ने सार्वजनिक व निजी संपत्तियों के नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। नुकसान की भरपाई को उपद्रव, आगजनी व हंगामे में चिह्नित 150 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जानकारी जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि पुलिस जांच के साथ ही क्षतिग्रस्त संपत्तियों को लेकर संबंधित विभाग व निजी व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत दावे व स्थलीय सर्वे रिपोर्ट के आधार पर चारों एडीएम ने कुल 4.55 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया है। जिसमे करोड़ो का खर्च हुआ. हिमाचल के नए मुख्य सचिव बने अनिल कुमार खाची एक और सड़क घोटाला आया सामने, कई अधिकारी और ठेकेदार पर होगी कार्यवाही मध्य प्रदेश मंत्री गोविन्द सिंह का आरोप, कहा- लूटने में तो महमूद गजनवी के 'दादा' है भाजपा नेता