झांसी अग्निकांड पर मानवाधिकार आयोग का सख्त रुख, यूपी सरकार को नोटिस जारी

झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात एक दुखद घटना हुई, जब नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस हादसे में 16 बच्चे घायल हो गए, जबकि 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। जिन बच्चों की मौत हुई, वे इनक्यूबेटर में रखे गए थे। 

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने इस घटना को गंभीर लापरवाही मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है। आयोग ने एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, पीड़ित परिवारों को दी गई सहायता, घायलों के इलाज और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी गई है।

यह मामला मानवाधिकार हनन का प्रतीक है, क्योंकि प्रभावित शिशु सरकारी अस्पताल की देखरेख में थे। आयोग ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले की गंभीरता पर जोर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति आग लगने के कारणों और जिम्मेदारियों की पड़ताल करेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हो। 

इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए यह एक गहरी त्रासदी है, और घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैला दी है।

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