देश किस ओर जा रहा है इस बात का शायद हमें अंदाजा भी नहीं है, झारखण्ड और अन्य पिछड़े राज्यों में चल रही मानव तस्करी रुकने का नाम ही नहीं ले रही न ही सरकार इस ओर कोई ठोस कदम उठाने के बारे में कभी विचार करती है. हाल ही में झारखण्ड से दिल्ली लाई गई सोनी की बेरहमी से हत्या करने के बाद एक बार फिर से ये मुद्दा उठने लगा है, जैसा हमेशा से होता आया है. शंकर उरांव, सोनी के बड़े भाई है.आदिवासी बहुत की रहने सोनी अभी नाबालिग ही थी एक दिन अचानक सोनी घर से गायब हो गई, रोजाना मजदूरी कर खेत में काम करने वाले ये लोग कैसे करके अपने लिए दो समय की रोटी का जुगाड़ करते है शायद हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते, अपने खेतों और जानवरों को संभाले या पुलिस थानों के चक्कर काटे समझ नहीं आता. कथित मानव तस्कर मंजीत केरकेट्टा झारखंड में गुमला ज़िले के कामडारा के ऊपर सोनी को किडनैप कर उसकी हत्या का आरोप है. आरोप है कि मंजीत केरकेट्टा ने सोनी को झारखण्ड से किडनैप कर दिल्ली में छोड़ दिया जहाँ वो बच्ची को लोगों के घरों में काम करने के लिए लगा दिया था. प्रताड़ना के बीच लोगों के घरों में काम करते हुए एक दिन जब सोनी ने अपने हक़ के पैसे मंजीत केरकेट्टा से मांगे तो उसकी बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश के टुकड़े कर दिए. मंजीत केरकेट्टा, सोनी के काम किए हुए पैसे अपने पास रखता है, दुर्भाग्य की बात तो यह है कि इस काम में इसके साथ ही दो अन्य महिला भी शामिल है. इस तरह के हजारों बच्चियां ऐसे ही अपने घरों से कब गायब हुई है आज तक किसी को पता नहीं चला न ही इनका कोई रिकॉर्ड कहीं पर दर्ज है बस घरवाले आज तक राह तकते है. हेलमेट बिना गाड़ी चलाने वालों के बने चालान रोहिंग्या से मिलने के बाद प्रियंका चोपड़ा मुश्किल में पर्यटन विकास निगम के होटल्स की लीज का रास्ता साफ