दिल्ली : केन्द्र सरकार की एक रिपोर्ट की माने तो तीन राज्यों में अवैध खनन की घटनाओं में सौ गुना तक इजाफा दर्ज हुआ है. केन्द्रीय खनन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में गैरकानूनी माइनिंग की घटनाओं में क्रमश: 106, 53 और 34 फीसदी इजाफा दर्ज हुआ है. ये तीनों राज्य मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में माइनिंग के लिए प्रमुख 10 राज्यों की सूचि में शीर्ष पर शुमार इन तीनों राज्य में अवैध खनन का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर 2016-17 तक का है. आंकड़ों के मुताबिक 2013-14 के दौरान मध्यप्रदेश में अवैध खनन के 6,725 मामले पकड़े गए. वहीं 2016-17 करे दौरान कुल 13,880 मामले दर्ज किए गए. बीजेपी शासित गुजरात में जहां 2013-14 के दौरान 5,447 अवैध खनन के मामले सामने आए वहीं 2016-17 में यह बढ़कर 8,325 तक पहुंच गया. वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी शासित राजस्थान है जहां 2013-14 में 2,953 मामलों से बढ़कर 2016-17 में अवैध खनन के 3,945 मामले हो गए. केन्द्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बीते चार साल के दौरान आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने क्रमश: 143 करोड़, 33 करोड़, 157 करोड़, 112 करोड़ और 282 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूला है. केन्द्रीय खनन मंत्रालय की इस रिपोर्ट में शामिल प्रमुख माइनिंग वाले राज्यों में इनके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना भी शामिल है. इन चार सालों के दौरान तमिलनाडु में अवैध खनन के कुल 10,734 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है. इन मामलों से राज्य को 122.85 करोड़ रुपये की कमाई बतौर जुर्माने के तौर पर हुई है. वहीं मध्यप्रदेश ने इस दौरान दर्ज मामलों में जुर्माने से लगभग 1,132 करोड़ रुपये वसूले हैं. एमपी अजब है, हर दिन सरकारी भ्रष्टाचार के चार मामलें अजब शिवराज सरकार का गजब मंडल, पांच साल से नहीं किया कोई काम