इस्लामाबाद : भारत से पाकिस्तान तक बच्चियों के मामले में इंसानी सोच में कोई फर्क नहीं है. इसका ताज़ा सुबूत वो खबर है जिसमे कहा गया है कि पाकिस्तान में पिछले एक साल में कचरे के ढेर से सैंकड़ों नवजात बच्चियों के शव बरामद किए गए हैं. खबर के अनुसार पाकिस्तान के कराची शहर में कचरों में 345 नवजातों के शव मिले हैं जिनमें से 99 प्रतिशत लड़कियों के हैं जिससे ही यह साफ है कि दोनों देश इस बात पर एक सी मानसिकता से जुंझ रहे है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पाए गए नवजातों के शव में एक ऐसा शव भी था जिसका गला रेता हुआ था, तो दूसरा कुचला हुआ था. दरअसल, बच्ची के जन्म के बाद उसे मस्जिद की सीढ़ियों पर छोड़ दिया गया था और मौलवी ने उसे अवैध संतान समझ कर पत्थर से कुचल कर उसकी हत्या कर दी. कराची स्थित ईदी सेंटर चैरिटी के अनवर काजमी बताते हैं कि ज्यादा नवजातों की मौत की वजह शादी से पहले बच्चे का जन्म है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में पैदा हुई बच्ची सामाजिक कलंक के कारण मार दी जाती है जबकि ऐसे परिवारों द्वारा लड़के को नहीं मारा जाता. पाकिस्तान में शिशु हत्या अपराध है और गरीबी तथा अशिक्षा इसकी वजह है.' गुरु नानक को भुला, आतंकी हाफ़िज़ के साथ हुए सिख सिक्खों को भारत के खिलाफ भड़का रहा है आतंकी हाफिज सईद मजदुर दिवस: बुनियादी जरूरतों को तरसती समाज की बुनियाद