भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे की तस्वीरें रूह कंपा देने वाली हैं। इस हादसे में अब तक 280 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। बताया जा रहा है कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता अगर वक़्त पर नहीं पहुँचते, तो मौतों की संख्या कहीं अधिक हो सकती थी। रिपोर्ट के अनुसार, NDRF की टीम के पहुँचने से पहले ही संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता मौके पर पहुँचकर राहत और बचाव कार्य में लगे गए थे। एक रिपोर्ट बताती है कि, बालासोर में हुए भीषणतम ट्रेन हादसे का शिकार हुए लोगों की सहायता के लिए संघ के कार्यकर्ता तन, मन, धन से लगे हुए हैं। इस हादसे की खबर मिलते ही लगभग 250 कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुँच गए थे। वहाँ मची चीख-पुकार के बीच RSS कार्यकर्ताओं ने घायलों को उपचार के लिए फ़ौरन ही अस्पताल ले जाना शुरू कर दिया था। संघ कार्यकर्ताओं के राहत और बचाव कार्य शुरू होने के बाद NDRF की टीम भी हादसे वाले स्थान पर पहुँच गई। इसके बाद RSS कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर लोगों को बचाने में लग गए। एक तरफ जहाँ संघ के कुछ कार्यकर्ता ट्रेन में दबे हुए लोगों व घायलों की सहायता कर रहे थे। वहीं, कुछ अन्य कार्यकर्ता घायलों को खून देने के लिए अस्पताल पहुँच गए। रक्त दान करने आए संघ के युवाओं की भीड़ देखकर हॉस्पिटल के डॉक्टर भी दंग रह गए थे। दरअसल, बालासोर के RSS के व्हाट्सएप ग्रुप में हादसे की जानकारी भेजने के साथ ही रक्तदान करने का भी अनुरोध किया गया था। इसके बाद कार्यकर्ता अस्पताल पहुँच गए। वहीं, रक्तदान के लिए बजरंग दल के भी कई कार्यकर्ता अस्पताल पहुँच गए और जाति-धर्म को परे रख हर पीड़ित की हर संभव मदद की। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीड़ितों में भोजन के पैकेट भी बांटे। ओडिशा के संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख रविनारायन पंडा ने बताया है कि हादसा बालासोर के महानगा गाँव के नजदीक हुआ। महानगा में कई संघ कार्यकर्ता रहते हैं। इसके साथ ही जिले में भी RSS कार्यकर्ता सक्रिय हैं। हादसे 6:50 पर हुआ था। इसके बाद व्हाट्सएप मैसेज से जानकारी मिलने के बाद RSS कार्यकर्ता 7 बजे तक हादसे वाली जगह पहुँच गए थे। इसके बाद उन लोगों ने ट्रेन के दरवाजे खोलकर घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। साथ ही स्थानीय लोगों की मदद से ट्रैक्टर, बाइक और कार के जरिए घायलों को हॉस्पिटल पहुँचाया। संघ के स्थानीय कार्यकर्ता हरेंद्र का कहना है कि 1000 से अधिक RSS कार्यकर्ता लोगों की सहायता करने के लिए आगे आए हैं। जिन लोगों ने रात में रक्त दान किया था, वे सुबह से घायलों और उनके परिजनों के भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे थे। इसके साथ ही, घायलों को उनके परिजनों से मिलवाने में संघ कार्यकर्ता मदद कर रहे हैं। 'जब भैंसा काटा जा सकता है तो गाय क्यों नहीं ? भाजपा के कानून पर फैसला लेंगे..', कर्नाटक के पशुपालन मंत्री वेंकटेश का बयान भारत के टुकड़े कर पाकिस्तान बनाने वाला जिन्ना, दिग्विजय सिंह के लिए 'जिन्ना साहब' ! भड़की भाजपा, याद दिलाया 'आतंक प्रेम' आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ?