'सिर्फ 11 मिनट तक हुआ बलात्कार..', कहकर महिला जज ने कम कर दी 'रेपिस्ट' की सजा

बर्न: बलात्कार के आरोपी की यह कहकर सजा में कमी करना कि 'रेप सिर्फ 11 मिनट तक हुआ' बेहद शर्मनाक है। क्या बलात्कार के आरोपी को सजा अपराध की समयसीमा के आधार पर दिया जाना इंसाफ है? स्विट्जरलैंड में दुष्कर्म के मामले में एक जज द्वारा यह दलील देकर बलात्कार के आरोपी की सजा कम करने के खिलाफ लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। जज के इस फैसले के खिलाफ स्विट्जरलैंड की सड़कों पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें महिला प्रदर्शनकारियों संख्या सबसे ज्यादा है।

दरअसल, गत वर्ष हुए एक मामले में अदालत ने बलात्कार की सज़ा ये कहते हुए कम कर दी कि उसने महिला के साथ सिर्फ 11 मिनट तक रेप किया। जज के इस फैसले के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं और अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मामला 20 जून 2020 का है। बेसल में रहने वाली 33 साल की महिला का आरोप था कि उसके घर के बाहर दो पुर्तगालियों ने हमला किया और उसे बंधक बनाकर बलात्कार किया। आरोपियों में एक की आयु 17 वर्ष है और दूसरा 32 साल का बताया गया है। मामले पर फैसला सुनाते हुए महिला जज ने कहा कि केवल 11 मिनट तक बलात्कार हुआ। ये अपेक्षाकृत कम अवधि थी।

नाबालिग को फिलहाल अदालत ने सजा नहीं सुनाई है। लेकिन दूसरे दोषी की सजा को 51 महीने से घटाकर 36 माह कर दिया गया है। लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं, महिला जज ने पीड़िता को लेकर भी ऐसी टिप्पणी की, जिनसे विवाद और बढ़ गया। जज ने कहा कि पीड़िता ने आरोपियों को सिग्नल भेजे होंगे। इसलिए आरोपियों की हिम्मत बढ़ी होगी। जज ने कहा कि ये बेहद मामूली गलती है।

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