नीमच : इन दिनों शवों की दुर्गति होने के मामले ज्यादा ही सामने आ रहे हैं. ऐसी ही जिले के रतनगढ़ में मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना सामने आई है जिसमें पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ि‍यां खरीदने के लिए पति के पास 2500 रुपए नहीं होने पर उसे मजबूरन टायर और बाढ़ में बहकर आए प्लास्टिक के कचरे से चिता जलाने का इंतजाम करना पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार रतनगढ़ के निवासी जगदीश भील की पत्नी नौजी बाई की म्रत्यु हो गई थी. जब वह अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर श्मशान पहुंचा तो उसे 2500 रुपए नहीं होने की वजह से लकड़ि‍यां देने से इनकार कर दिया गया. उसने बार-बार उन लोगों से गुहार लगाई लेकिन कोई नहीं माना. श्मशान के कर्मचारियों ने उससे कहा कि पैसे नहीं है तो शव को दफना दो. इस पर वह शव को दफनाने के लिए फावड़ा भी ले आया. इस बीच जब स्थानीय लोगों को इस बात का पता चला तो उन्होंने नगर पालिका में जाकर उसकी मदद करने को कहा. बाद में लकड़ि‍यां भेजी तो जरूर लेकिन रास्ता खराब होने के कारण वाहन चालक ने सारी लकड़ि‍यां बीच रास्ते में ही छोड़ दी. इसके बाद जगदीश पत्नी के शव को लेकर वहां पहुंचा और उन लकड़ि‍यों से चिता नहीं जलने पर उसे बेकार पड़े टायरों और कचरे का इस्तेमाल कर चिता को जलाना पड़ा. इस घटना में सरकारी व्यवस्था के अलावा ऐसे मामले में दिखाई जाने वाली संवेदनशीलता की कमी साफ नजर आई. घंटो सड़क पर पड़ी रही लाश, कई गाड़ियों ने रौंदा ओडिशा में फिर हुई इंसानियत शर्मसार, बेटी की लाश को लेकर 6 KM पैदल चला पिता दाना मांझी : कब तक होती रहेगी मानवीयता की हत्या ?