पति ने कोर्ट में तलाक के लिए याचिका की दाखिल, पत्नी हैं एचआईवी पीड़ित

चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए यह साफ़ कर दिया हैं कि यदि किसी का जीवनसाथी एचआईवी से पीड़ित है तो वह उससे इस आधार पर तलाक ले सकता है. पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए याचिका दाखिल करते हुए यह बताया था कि उसका विवाह 2016 में हुआ था और विवाह के पश्चात् से ही उसकी पत्नी का बर्ताव उसके और उसके परिवार के लिए बहुत ही बुरा था.

शादी के कुछ दिन पश्चात् ही वह अपना सारा सामान लेकर ससुराल छोड़ कर चली गई थी. उसे वापस लाया गया और इस दौरान वह गर्भवती हो गई थी. जांच के दौरान सामने आया कि वह एचआईवी पीड़ित है. इस पर पत्नी ने कहा कि गर्भधारण के दौरान उसकी ननदें, जो मेडिकल स्टूडेंट हैं, उसे वजन बढ़ाने के लिए एक ही सुई से दिन में तीन बार इंजेक्शन देती थीं. पत्नी ने कहा कि विवाह से पहले वह एचआईवी पीड़ित नहीं थी और इंजेक्शन कि वजह से ही उसे एचआईवी हुआ है. इस दलील को खारिज करते हुए जांच रिपोर्ट में बताया गया कि एक ही सुई से बार-बार इंजेक्शन लगाने से एचआईवी नहीं होता है, यह किसी वजह से हुआ. 

फैमिली कोर्ट ने सभी तथ्यों को देखते हुए पति की तलाक से जुड़ी याचिका मंजूर करते हुए दोनों के बीच तलाक के आदेश दे दिए थे. इस फैसले को चुनौती देते हुए पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी हैं. पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी को एचआईवी है और पति को एचआईवी नहीं है. यह रोग संबंध बनाने से फैलता है और ऐसे में यह बीमारी पति को भी हो सकती है. इस वजह से पति एचआईवी को आधार मान कर तलाक के लिए आवेदन कर सकता है. वहीं, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए पत्नी की फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील को खारिज कर दिया हैं.

94 देशों में कोरोना का फैला खौफ, मिस्र के क्रूज पर फंसे भारतीय

HP Budget 2020: कर्मियों-पेंशनरों से अधिक विकास पर होगी नजर

तीन साल बाद शिमला में मार्च में हुई बर्फबारी

Related News