नई दिल्ली : नेपाल में काठमांडू से 657 किलोमीटर दूर शंखुवासभा जिले में 5,723.72 करोड़ रुपये की लागत से 900 मेगावाट की जल विद्युत् परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में मंजूरी मिल गई. बैठक के बाद बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी. बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के फैसले की संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5,723.72 करोड रुपए की अनुमानित लागत से नेपाल में अरुण-तीन परियोजना लगाने को मंजूरी दे दी. परियोजना के लिए इस साल सितंबर तक धन की व्यवस्था होने की उम्मीद है. परियोजना को पांच साल में क्रियान्वित किया जायेगा. परियोजना को तैयार करने का काम सार्वजनिक क्षेत्र की एसजेवीएन लिमिटेड की शत प्रतिशत स्वामित्व वाली अनुषंगी द्वारा किया जायेगा.सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) लिमिटेड केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. इसमें केंद्र की 64.46 फीसदी और हिमाचल प्रदेश की 25.51 फीसदी हिस्सेदारी है. इस बारे में एसजेवीएन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आरएन मिश्र ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परियोजना और इसके निवेश को मंजूरी दी है. इसकी प्रतीक्षा की जा रही थी. नेपाल सरकार के साथ परियोजना के लिए आपसी सहमति ज्ञापन पर 2 मार्च, 2008 को हस्ताक्षर किये गये. परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने 9 जून, 2014 को पुष्टि कर दी. यह भी पढ़ें नेपाल के रास्ते भारत में जाली नोट लाने का प्रयास कर रहा पाकिस्तान ISI के इशारों पर भारत में रेल हादसों को अंजाम देने वाला नेपाल में गिरफ्तार