चंडीगढ़: हरियाणा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है, जिससे पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने स्पष्ट किया है कि वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि पद के लिए दावा करना उचित नहीं है और लोगों को ऐसी मानसिकता से बचना चाहिए। हालांकि, शैलजा ने यह भी कहा कि वह इस रेस में हैं, लेकिन चुनाव पारंपरिक दावेदारी के आधार पर नहीं होना चाहिए। इसके लिए उन लोगों पर विचार किया जाना चाहिए जिन्होंने पार्टी के लिए जमीन पर कड़ी मेहनत की है और प्रतिबद्धता दिखाई है। शैलजा ने विधायकों के द्वारा मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यह विधायकों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि इससे गुटबाजी बढ़ सकती है। उनके अनुसार, आलाकमान को ही इस निर्णय को लेना चाहिए, ताकि किसी तरह की विभाजनकारी राजनीति से बचा जा सके। उन्होंने अपनी स्वीकार्यता पर बात करते हुए कहा कि उन्हें हरियाणा के सभी वर्गों, विशेष रूप से दलितों का समर्थन हासिल है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी एक वर्ग के प्रभुत्व की ओर नहीं बढ़ना चाहिए, क्योंकि इससे वह वर्ग अलग-थलग पड़ सकता है। कुमारी शैलजा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय पार्टी को अपने राजनीतिक दृष्टिकोण के अनुसार निर्णय लेने चाहिए और जनता को सही संदेश देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस आलाकमान का निर्णय अंतिम होगा और वह जो भी फैसला लेंगे, सभी को वह मान्य होगा। हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा के नाम चर्चा में हैं। एग्जिट पोल्स के मुताबिक, कांग्रेस 60 से अधिक सीटें जीत सकती है, जबकि भाजपा को इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। अंतिम फैसला 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद होगा, जिससे यह तय होगा कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अगली पांच साल तक कौनसी पार्टी सत्ता में रहेगी। अभी खत्म नहीं हुआ मानसून..! इन राज्यों के लिए फिर बारिश का अलर्ट 'संजय रॉय ही है ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कारी और हत्यारा..', कोलकाता-कांड में CBI की चार्जशीट बंगला खाली कर दिया, लेकिन चाबियां नहीं सौंपी..! केजरीवाल ने ये क्या किया ?