'10 रूपये यूनिट में भी बिजली खरीदने को तैयार हूं, लेकिन...', बोले CM शिवराज

सीहोर: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के औद्योगिक इलाके में ITC के प्लांट का शिलान्यास किया। इस के चलते उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि एक महीने से तकरीबन बारिश रुकी हुई है। हमारी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। बिजली की खपत भी बढ़ रही है। हम हमारी ओर से सारे प्रयत्न कर रहे हैं। सोमवार में महाकाल महाराज के दरबार में प्रार्थना करने जा रहा हूं। सभी से निवेदन है पूजा करें। सभी लोग अपने विश्वास अनुसार मंदिरों में पूजा-पाठ प्रार्थना करें। पूजा पाठ में बड़ी शक्ति होती है। ईश्वर से प्रार्थना करके हम किसानों को बचा सकें। अपनी तरफ से भी प्रयास करूंगा। कोई कमी नहीं छोड़ूंगा। संकट के पार निकालकर ले जाएंगे। सीएम शिवराज ने आगे कहा कि पर्याप्त बारिश नहीं होने की वजह से किसान चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि किसान चिंता न करें, सरकार हर संकट से निपटने के लिए उनके साथ में है। 

उन्होंने कहा कि बारिश कम होने की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। बिजली की व्यवस्था करने के लिए भी मैं दिन रात एक कर रहा हूं। पहले 7 मेगावाट की जरुरत थी जो बढ़कर 15000 मेगावाट की मांग बढ़ गई है। मैंने परसों खरीदने का प्रयास किया। हम 10 रुपए यूनिट तक बिजली खरीदने को तैयार हैं, लेकिन पूरे हिंदुस्तान में मुझे बिजली नहीं मिली। अपने राज्य में ही नहीं, सभी जगह सूखे जैसा संकट है। पर्याप्त बिजली की व्यवस्था का प्रयास कर रहा हूं। प्राप्त खबर के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर के औद्योगिक क्षेत्र में ITC कंपनी के दो नए कारखानों इंटीग्रेटेड फूड मैन्यूफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक्स फैसिलिटी एवं सस्टेनेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट्स मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी का शिलान्यास किया। मीडिया से चर्चा के चलते मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि एक महीने से तकरीबन बारिश रुकी हुई है। हमारी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। भोपाल में भी इस पर मीटिंग लूंगा। अल्प वर्षा से स्थिति पर हम निपटने विचार करेंगे। बिजली की खपत भी बढ़ रही है। हम हमारी ओर से सारे प्रयत्न कर रहे हैं। 

सीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि फसल नुकसान से बचने तथा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसानों को फसल उत्पादन के पैटर्न को बदलना होगा। परंपरागत फसलों के साथ-साथ व्यावसायिक फसलों का भी उत्पादन करना जरुरी है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधार हो सके। अभी हम खरीफ की फसल में अधिकतर सोयाबीन एवं धान ही लगाते हैं तथा कई बार एक फसल पर ही संकट आने से किसान को बहुत नुकसान हो जाता है। सीए, शिवराज ने कहा कि अलग-अलग फसलों की किस्मों से किसानों को अधिक से अधिक लाभ हो सके, इसके लिए ITC द्वारा 7000 एकड़ में तुलसी, अश्वगंधा, कलौंजी की खेती की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि खेती पर आधारित उद्योग धंधे लगाने का सरकार लगातार प्रयास कर रही है, जिससे किसानों को भी अपनी फसलों की अच्छी कीमत मिले एवं स्थानीय नागरिकों को रोजगार उपलब्ध हो सके। 

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