लखनऊ: बुधवार को गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद ने दावा किया कि गुजरात के साबरमती केंद्रीय कारागर में उसका उत्पीड़न किया जा रहा है। उसने यह भी दावा किया कि उसका परिवार तो बर्बाद हो गया, मगर मीडिया के कारण वह सुरक्षित है। यूपी पुलिस की टीम उमेश पाल हत्याकांड के संबंध में अतीक को गुजरात के अहमदाबाद शहर में उच्च सुरक्षा वाली साबरमती केंद्रीय जेल से साथ लेकर मंगलवार को सड़क मार्ग से प्रयागराज के लिए रवाना हुई। टीम प्रातः पौने 7 बजे के आसपास मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुरवाया पुलिस थाने में लगभग 20 मिनट के लिए रुकी, जहां मीडियाकर्मियों ने अतीक से प्रश्न पूछे। यूपी के पूर्व MLA एवं लोकसभा सदस्य अतीक (60) ने संवाददाताओं से कहा, ''मेरा परिवार बर्बाद हो गया है। मैं आपके कारण सुरक्षित हूं।'' बाद में झांसी पहुंचकर उसने कहा कि उसके परिवार को मिट्टी में मिला दिया गया है। उसने परिवार के लिए रहम की भी मांग की। उसका संकेत यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। उसने कहा, ''मैंने वहां (जेल के भीतर) से किसी को फोन नहीं किया, क्योंकि वहां जैमर लगाए गए हैं। मैंने कोई षड्यंत्र नहीं रचा तथा बीते 6 वर्षों से सलाखों के पीछे हूं।'' जब मीडिया ने उससे पूछा कि सरकार ने कहा है कि उसे तबाह कर दिया जाएगा, तो अतीक ने बोला, ''उन्होंने मुझे पहले ही तबाह कर दिया है। मुझे साबरमती जेल में भी परेशान किया जा रहा है।'' बुधवार को अहमद को प्रयागराज ले जा रहा पुलिस का काफिला प्रातः पौने 8 बजे के आसपास झांसी से यूपी की सीमा में दाखिल हुआ। बता दें कि इससे पहले, अहमद को 26 मार्च को भी इसी मार्ग से प्रयागराज ले जाया गया था तथा उस वक़्त भी पुलिस का काफिला शिवपुरी जिले में रुका था। उस वक़्त जब मीडियाकर्मियों ने अतीक से सवाल किया था कि क्या उसे अपनी जान का डर है, तो उसने बोला था, ''काहे का डर।'' 'गहलोत जी, आपके तो दो-दो हाथ में लड्डू है...', आखिर क्यों ऐसा बोले PM मोदी? 'BJP में 7 नेता शपथ लेने के लिए सूट सिलवाए घूम रहे है, लेकिन CM तो कमलनाथ ही बनेंगे': दिग्विजय सिंह नाबालिग को गाड़ी सीखने के बहाने पिता के दोस्त ने बुलाया घर, फिर कि यह हरकत