नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस एनवी रमणा के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है। इस अवसर पर एनवी रमणा ने शुक्रवार को समारोह पीठ को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 16 माहों में केवल 50 दिन ही प्रभावी एवं पूर्णकालिक सुनवाई कर पाया हूं। CJI एनवी रमणा ने अपने कार्यकाल में शीघ्र सुनवाई के लिए मुकदमों की लिस्टिंग करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए अपने अंतिम समारोह पीठ में माफी मांगी। इसके चलते CJI ने कहा- I Am Sorry। कहा जा रहा है कि इस वक्तव्य के पीछे उनका मतलब बीते 3 माहों से पूरी तरह फिजिकल हियरिंग के चलते कोर्ट रूम में हुई सुनवाई को लेकर था। क्योंकि उनके कार्यकाल में अधिकतर वक़्त वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही सुनवाई हुई। CJI रमना ने कहा कि मुझे खेद है कि मैं मामलों की लिस्टिंग एवं पोस्टिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित नहीं कर सका। 8 वर्षों तक सर्वोच्च न्यायालय के जज और बीते 16 महीनों से चीफ जस्टिस के रूप में भारत की न्यायपालिका का नेतृत्व करते हुए शुक्रवार को सेवानिवृत हुए जस्टिस रमणा जब आखिरी बार पीठ की अगुवाई करने बैठे, तो विदाई जैसा माहौल हो गया। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे तो ऐसे भावुक हुए कि कई मिनटों तक उनके आंसू रुक ही नहीं पाए। उनके भाषण के कई वाक्य तो भरे गले तथा आंसुओं के साथ निकले। सिर्फ इतना ही सुना जा सका कि आपका कार्यकाल शानदार रहा। आपने अपनी ड्यूटी मजबूती से निभाई है। नागरिकों के जज के तौर पर आपके इरादों एवं कार्यशैली से न्यायपालिका मजबूत हुई है। आप इस अदालत को जस्टिस ललित एवं जस्टिस हिमा कोहली जैसे सुरक्षित हाथों में सौंपकर विदा हो रहे हैं। हालांकि जस्टिस एनवी रमणा अपने कार्यकाल में कई मायनों में याद रखे जाएंगे। मसलन अपने कार्यकाल के चलते सबसे अधिक यात्राएं करने वाले, सार्वजनिक कार्यक्रमों को संबोधित करने वाले, हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में सबसे अधिक जजों की नियुक्ति कराने वाले CJI के तौर पर उन्हें याद किया जाएगा। उनकी बेबाक भाषण शैली के कारण ही लोग उन्हें ' स्पीच जस्टिस ऑफ इंडिया' के नाम से भी जानने लगे। 'अब कांग्रेस में भी लागू हो गया रिमोट कंट्रोल मॉडल', राहुल गाँधी पर गुलाम नबी ने बोला बड़ा हमला सस्ते में सोना खरीदने का आखिरी मौका, जानिए कैसे? 'पत्नी ने आत्महत्या कर ली है' फ़ोन करके बोला पति, घर पहुंची पुलिस तो हुआ हैरान कर देने वाला खुलासा